महिलाओं और पुरूषो में बांझपन या अनुवंसिक्ता
महिलाओं और पुरूषो में बांझपन या अनुवंसिक्ता
बांझपन या अनुवंसिक्ता क्या है?
एक वर्ष तक प्रयास करते रहने के बाद अगर गर्भधारण नहीं होता तो उसे बन्ध्यता या अनुर्वरता कहते हैं।
बांझपन, प्रजनन प्रणाली की एक बीमारी है जिसके कारण किसी महिला के गर्भधारण में विकृति आ जाती है। गर्भधारण एक जटिल प्रक्रिया है जो कई बातों पर निर्भर करती है- पुरुष द्वारा स्वस्थ शुक्राणु तथा महिला द्वारा स्वस्थ अंडों का उत्पादन,
अबाधित गर्भ नलिकाएं ताकि शुक्राणु बिना किसी रुकावट के अंडों तक पहुंच सके, मिलने के बाद अंडों को निषेचित करने की शुक्राणु की क्षमता, निषेचित अंडे की महिला के गर्भाशय में स्थापित होने की क्षमता तथा गर्भाशय की स्थिति।
अंत में गर्भ के पूरी अवधि तक जारी रखने के लिए गर्भाशय का स्वस्थ होना और भ्रूण के विकास के लिए महिला के हारमोन का अनुकूल होना जरूरी है। इनमें से किसी एक में विकृति आने का परिणाम बांझपन हो सकता है।
बांझपन क्यों होता है ?
पुरुषों में प्रजनन क्षमता में कमी का सबसे सामान्य कारण शुक्राणु का कम या नहीं होना है। कभी-कभी शुक्राणु का गड़बड़ होना या अंडों तक पहुंचने से पहले ही उसका मर जाना भी एक कारण होता है। महिलाओं में बांझपन का सबसे सामान्य कारण मासिक-चक्र में गड़बड़ी है। इसके अलावा गर्भ-नलिकाओं का बंद होना, गर्भाशय में विकृति या जननांग में गड़बड़ी के कारण भी अक्सर गर्भपात हो सकता है।
क्या अनुर्वरता केवल औरतों के कारण होती है?
नहीं, यह केवल औरत के कारण नहीं होती। केवल एक तिहाई सन्दर्भों में अनुर्वरता औरत के कारण होती है। दूसरे एक तिहाई में पुरूष के कारण होती है। शेष एक तिहाई में औरत और मर्द के मिले जुले कारणों से या अज्ञात कारणों से होती है।
पुरूषों में अनुर्वरता के क्या कारण होते हैं?
पुरूषों में अनुर्वरता के कारण हैं
(1) शुक्राणु बनने की समस्य - बहुत कम शुक्राणू या बिलकुल नहीं।
(2) अण्डे तक पहुंच कर उसे उर्वर बनाने में शुक्राणु की असमर्थता - शुक्राणु की असामान्य आकृति या बनावट उसे सही ढंग से आगे बढ़ पाने में रोकती है।
(3) कई बार पुरूषों में जन्मजात ऐसी समस्या होती है जो कि उनके शुक्राणुओं को प्रभावित करती है।
(4) अन्य सन्दर्भों में किसी बीमारी या चोट के परिणाम स्वरूप समस्या शुरू हो जाती है।
पुरूष में अनुर्वरता का खतरा किन चीज़ों से बढ़ जाता है?
पुरूष के सम्पूर्ण स्वास्थ्य एवं जीवन शैली का प्रभाव शुक्राणुओं की संख्या और गुणवत्ता पर प्रभाव पड़ता है। जिन चीज़ों से शुक्राणुओं की संख्या और गुणवत्ता घटती है उस में शामिल हैं।
- मदिरा एवं ड्रग्स
- वातावरण का विषैलापन जैसे कीटनाशक दवाएं
- सिगरेट पीना
- मम्पस का इतिहास
- विशिष्ट दवाँ।
- कैंसर के कारण रेडिएशन।
औरतों में अनुर्वरता के क्या कारण होते हैं?
औरतों में अनुर्वरता के कारण हैं -
(1) अण्डा देने में कठिनाई
(2) बन्द अण्डवाही ट्यूबें
(3) गर्भाशय की स्थिति की समस्या
(4) युटरीन फाइवरॉयड कहलाने वाले गर्भाशय के लम्पस।
किन चीज़ों से महिला में अनुर्वरकता का खतरा बढ़ जाता है?
बच्चें को जन्म देने में बहुत सी चीजें प्रभाव डाल सकती हैं। इनमें शामिल हैं -
(1) बढ़ती उम्र
(2) दबाव
(3) पोषण की कमी
(4) अधिक वजन या कम वजन
(5) धूम्रपान
(6) मदिरा
(7) यौन संक्रमिक रोग
(8) हॉरमोन्स में बदलाव लाने वाली स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याएं।