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Last Updated: Oct 23, 2019
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Cherry Benefits and Side Effects in Hindi - चेरी के फायदे और नुकसान

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Dr. Sanjeev Kumar SinghAyurvedic Doctor • 15 Years Exp.BAMS
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वैज्ञानिक नाम प्रूनस एवियम वाले चेरी की गिनती सबसे रोमांटिक फलों में की जाती है. दुनिया भर में लोकप्रिय चेरी कई रंगों जैसे लाल, काले और पीले रंग की होती है. न सिर्फ खाने में बल्कि देखने में भी खुबसूरत लगने वाले चेरी को विश्व में सबसे अधिक यूरोप और संयुक्त राज्य अमेरिका में पैदा किया जाता है. अपने देश में चेरी की खेती ज्यादातर कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और उत्तरपूर्वी राज्यों में की जाती है. इसमें पाए जाने वाले पोषक तत्वों में थायमीन, राइबोफ्लैविन, विटमिन बी-6 और पैटोथेनिक एसिड भी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है. इसके अलावा इसमें नायसिन, फोलेट और विटमिन ए भी पाया जाता है. खनिजों में पोटेशियम, मैगनीज, कॉपर, आयरन, कैल्शियम और फास्फोरस की भी कुछ मात्रा पाई जाती है. इसमें मौजूद एंटीऑक्सिडेंट्स मुक्त कणों को बेअसर कर देते हैं. आइए चेरी के फायदे और नुकसान को जानें.

1. प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में
हमारे शरीर को रोगमुक्त रखने के लिए हमारे प्रतिरक्षा तंत्र की मजबूती जरुरी है. चेरी में पाया जाने वाला एंटीऑक्सिडेंट (विटामिन सी, कैरोटीनोइड और फ्लैनोयोइड) मुक्त कणों को नष्ट करके प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूती प्रदान करते हैं. इससे हम जीवाणु, वायरल और फंगल संक्रमण, विशेष रूप से बृहदान्त्र, मूत्र पथ, आंतों, खांसी और सर्दी आदि से बच जाते हैं.
2. कैंसर के उपचार में
कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों से बचने में भी चेरी सहायक साबित होता है. चेरी में पाए जाने वाले फ्लावोनोइड्स, कैरोटीनॉयड और विटामिन ए एवं विटामिन सी बहुत शक्तिशाली एंटी-कारसिनोजेनिक यौगिक हैं. ये यौगिक कैंसर कोशिकाओं के विकास को कुशलता से रोककर नए कैंसर के विकास को ट्रिगर करने वाले मुक्त कणों को निष्क्रिय करते हैं.
3. आँखों के लिए उपयोगी
चेरी हमारे आँखों के लिए भी काफी लाभदायक साबित होता है. इसमें मौजूद एंटीऑक्सिडेंट मुक्त कणों द्वारा किए गए सभी नुकसानों के प्रति आंखों की रक्षा करते हैं. इससे एजिंग जैसे दृष्टि हानि, धब्बेदार अध: पतन और आँखों के सूखेपन के साथ-साथ सूजन को भी कम करता है. चेरी हमारे आंखों के दबाव को नियंत्रित करके इसे संक्रमण से भी बचाता है.
4. मस्तिष्क की दक्षता में
चेरी मस्तिष्क की दक्षता में सुधार करके इसे सक्रिय रखने के लिए फ्लेवोनोइड और कैरोटीनोइड बहुत प्रभावी होते हैं. यदि आप भी बुढ़ापे में एक सुस्त मस्तिष्क और कम स्मृति क्षमता को बनाए रखरखना चाहते हैं तो आप भी चेरी खाना शुरू कर दें. ऐसा करने से आप नब्बे की उम्र में भी जल्दी और मानसिक रूप से चतुर बन सकते हैं.
5. कब्ज में
चेरी में पाया जाने वाला फाइबर कब्ज से राहत देने में भी मदद करता है. इसमें मौजूद एसिड पाचन में भी सहायता करता है. चेरी में पाया जाने वाले एंटीऑक्सिडेंट पाचन तंत्र को क्रम में रखने में सहायक होता है. इसमें मौजूद फ्लेवोनोइड पाचक रस और पित्त को उत्तेजित करते हैं.
6. हृदय को स्वस्थ रखने में
चेरी में ह्रदय को पोषण देने वाले कई तत्व जैसे कि विटामिन, एंटीऑक्सिडेंट (फ्लेवोनोइड्स और कैरोटीनोइड) और खनिज जैसे फास्फोरस आदि पाए जाते हैं. ये उत्कृष्ट हृदय-संरक्षक माने जाते हैं. चेरी हृदय गति को नियमित रखने में मदद करने के साथ ही रक्त वाहिकाओं को सख्त होने से भी रोककर उच्च रक्तचाप को कम करते हैं. इससे दिल के दौरे का खतरा भी कम होता है.
7. त्वचा के लिए लाभकारी
त्वचा को स्वस्थ और सुन्दर बनाने के लिए भी चेरी महत्वपूर्ण है. इसमें पाया जाने वाला विटामिन ए, बी, सी और ई के साथ मल्टीविटामिन खुराक के लिए पर्याप्त है. चेरी का रस काले धब्बों को भी साफ कर सकता है. इसमें मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट की भरपूर मात्रा शरीर में मौजूद मुक्त कणों से लड़कर बुढ़ापे की प्रक्रिया को धीमा करता है.
8. अनिद्रा में
चेरी में मैलाटोनिन नामक एक रासायनिक पदार्थ पाया जाता है जो कि सोने के पैटर्न को नियंत्रित करता है. आपको बता दें कि मैलेटोनिन अनिद्रा के उपचार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. इससे नींद आने की संभावना बढ़ती है.
9. वजन कम करने में
चेरी के रस से हमें रोजाना आवश्यक कैलोरी की सही मात्रा मिलती रहती है. जिससे कि हम अपनी वजन में कमी ला सकते हैं. इसके अलावा आप चाहें तो एक ब्लेंडर में पानी और कच्चे चेरी को मिलाकर चेरी के रस का एक कप पी भी सकते हैं.
10. बालों के स्वास्थ्य के लिए
बालों को स्वस्थ और सुन्दर बनाने के लिए भी चेरी का इस्तेमाल किया जाता है. दरअसल चेरी में पाया जाने वाला विटामिन और पोषक तत्व बालों के लिए भी काफी फायदेमंद साबित होता है. चेरी के नियमित सेवन से बालों की समस्याओं को भी दूर किया जा सकता है.
11. गठिया के उपचार में
चेरी में एन्थोसियानिन नाम का गठिया रोग के लिए बहुत ही फायदेमंद तत्व होता है. गठिया रोग से पीड़ित लोगों के शरीर में यूरिक एसिड अधिक मात्रा में बनने लगता है. इसके लिए गठिया से पीड़ित व्यक्ति को दिन में करीब 15 से 20 चेरी का सेवन करना चाहिए.

चेरी के नुकसान

  • इसके ज्यादा सेवन से कुछ लोगों को आंत्र गैस, पेट में ऐंठन या ब्लोटिंग महसूस हो सकता है.
  • इसके सेवन से कुछ पोषक तत्वों की कमी भी हो सकती है.
  • जिन लोगों को चेरी के सेवन से एलर्जी है उन्हें इसके सेवन से बचना चाहिए.
     

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