टीनएज बच्चो के बेहेवियर को समझे
टीएनज एक ऐसी अवस्था है जिसमे बच्चो में शारीरिक और मानसिक बहुत सारे बदलाव होने लगते है जिसके के कारन बच्चो के बेहेवियर में कई तरह के बदलाव अचानक होने लगते है अगर समय रहते हम इन बदलाओ को पहचान के कुछ जरूरी कदम उठाले तो हम बच्चो की अच्छी पेरेंटिंग कर सकते है
गुस्सा - बच्चो में हर बात पे गुस्सा और चिड़चिड़ाहट होना टीनएज का पहला बड़ा लछड़ होता है बच्चो को बिना किसी बात के गुस्सा आने लगता है और वो जल्दी परेशान हो जाते है ऐसे समय जब बच्चा बहुत गुस्से में हो तो उससे ज्यादा बात करने को कोशिश न करे और उसे कुछ समय के लिए अकेला छोड़ दे और जब वो रिलैक्स हो जाये तब ही उससे बात करे , और परेशानी का कारन पूछे
फैशन पे ज्यादा धयान देना - उम्र बढ़ने के साथ साथ बच्चो का शारीरिक और मानसिक विकास होने लगता है इसमें वो अपने पढ़ाई से ज्यादा फैशन से जुडी चीजो के बारे में जानकारी लेना और इस्तेमाल करना शुरू कर देते है और बहुत ज्यादा कॉस्मेटिक खरीदने लगते है ऐसे में बच्चो को फैशन के बारे में बताये उनको नए कपडे खरीदने में मदद करे और साथ ही साथ उन से बातचीत करते रहे और उनकी राय लेते रहे
सोशल मीडिया का इस्तेमाल - आजकल हर बच्चा सोशल मीडिया और फेसबुक का इस्तेमाल कर रहा है तो इसे में बच्चो पर इन सब सोशल मीडिया की चीजो को इस्तेमाल करने से न रोके पर सोशल मीडिया इस्तेमाल करने से पहले उनकी ट्रेंनिंग करे उनको बताये की सोशल मीडिया का क्या सही इतेमाल है और उससे किस किस तरह की परेशानियां हो सकती है
मोबाइल का ज्यादा इस्तेमाल - आज हर बच्चा मोबाइल का इस्तेमाल करता है ऐसे में बच्चे मोबाइल का इस्तेमाल मनोरंजन में ज्यादा करने लगे है वो मोबाइल में गेम खेलते है , इन्टरनेट इस्तेमाल करते है और रात में ज्यादा बात करते है इसके लिए पेरेंट्स कुछ सावधानिया रक्खे बच्चो को बहुत छोटी उम्र में स्मार्ट फ़ोन न दे , मोबाइल फ़ोन ज्यादा इन्तेमाल न खुद करे और बच्चो को भी शिखाएं की मोबाइल का जरुरत पड़ने पर ही इस्तेमाल करे और बच्चो को रात में मोबाइल पे बात करने से रोके
अपोजिट सेक्स के लिए आकर्षण - बढती उम्र में बच्चो को अपोजिट सेक्स के लिए आकर्षण होने लगता है ऐसे में बच्चा बहुत ज्यादा अकेला रहना पसंद करते है और अपनी बातो को छुपाना पसंद करते है ऐसे में माता पिता बच्चे से सेक्स education को लेकर बात करे और अगर बच्चा किसी तरह के पर्सनल रिलेशन में है तो उस पर रिलेशन छोड़ने का ज्यादा दबाव न बनाये और बच्चे से अपनी बातचीत बनाये रक्खे
कुछ बातो का विशेष धयान रख्खे -
- बच्चो के सामान की जासूसी न करे
- गुस्से में बच्चो को गलत शब्द न कहे बच्चो के खाने पीने का विशेष धयान दे
- बच्चो का दूसरे बच्चो से तुलना न करे
- बच्चो की आदर दे कर बात करे
- बच्चे की आदतों का ध्यान रख्खे
- किसी भी हालात में बच्चे से बात करना न बंद करे
- बच्चो की पढ़ाई में रूचि का धयान दे
- बच्चो के साथ सामाजिक कार्यक्रमो में जरूर जाये
- बच्चो उनकी हॉबी के अनुसार अपना काम करने दे