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Last Updated: May 29, 2020
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कैल्शियम की कमी से रोग - Calcium Ki Kami Se Rog!

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Dr. Sanjeev Kumar SinghAyurvedic Doctor • 16 Years Exp.BAMS
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कैल्शियम हमारे शरीर के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण मिनरल्स है. कैल्शियम की कमी से मुख्य रूप से हड्डियों से संबंधित रोग होते हैं. कैल्शियम हमारे शरीर की हड्डियों और दाँतों को मजबूत बनाते हैं. इसके अलावा दिल व मांसपेशियों को ठीक से काम करने के लिए भी कैल्शियम की जरूरत होती है. रक्त के थक्के के रूप में जमने व मांसपेशियों के संकुचन व विश्राम में भी कैल्शियम मदद करता है. हड्डियों के विकास व उन्हें मजबूत बनाने के अलावा भी कैल्शियम के कई काम हैं. शोध से ज्ञात हुआ है कि हमारी नींद न्यूरान के अंदर के कैल्शियम के गतिविधि पर निर्भर करती है. और इस प्रकार अच्छी नींद के लिए कैल्शियम बहुत ही जरूरी है. इसके अलावा गर्भ में पल रहे शिशु का शारीरिक विकास के लिए भी कैल्शियम बहुत ही जरूरी होता है.

शरीर में कैल्शियम का महत्व-
जाहीर है कि गर्भावस्था में ही हमारे शरीर के विभिन्न हिस्सों का निमर्ण होता है. इसी क्रम में गर्भस्थ शिशु में कैल्शियम माँ से प्राप्त होता है, जिससे शिशु का हड्डी, दिल, नस व मांसपेशियों का विकास होता है. यदि गर्भवती महिला को पर्याप्त मात्रा में कैल्शियम नहीं मिले तो शिशु के हड्डियों के कमजोर होने की संभावना बढ़ जाती है. इस प्रकार कैल्शियम शरीर के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है. कैल्शियम की पर्याप्त मात्रा नहीं मिलने से हमें कई प्रकार के बीमारियाँ हो सकती हैं. यदि बच्चे को पर्याप्त मात्रा में कैल्शियम नहीं मिलता है तो उनके हड्डियों का विकास सही ढंग से नहीं हो पाता है. आइये आगे कैल्शियम के कमी से होने वाले रोग के बारे में जानते हैं.

कैल्शियम की कमी से होने वाले रोग
हाइपोक्लेमिया: -
हाइपोक्लेमिया कैल्शियम की पर्याप्त मात्रा न मिलने से होने वाली एक रोग है, जो शरीर के सभी हिस्सों को प्रभावित करती है. खासकर यदि बचपन से कैल्शियम का पर्याप्त मात्रा न मिला हो तो यह रोग हो जाता है. इसके अलावा विशेष रूप से महिलाओं में हार्मोनल परिवर्तन के कारण भी यह रोग होता है. कुछ दवाओं के कारण भी शरीर में कैल्शियम का अवशोषण होने से या कभी-कभी कुछ जेनेटिक कारण से भी यह रोग हो सकता है.

हाइपोक्लेमिया में मांसपेशियों में ऐंठन के साथ-साथ हाथ-पैर या चेहरे में सुन्नता या झुनझुनी भी होती है. इस बीमारी में डिप्रेशन या मेमोरी लॉस के लक्षण भी दिखाई देते हैं. नाखूनों का कमजोर होना या हड्डियों का फ्रेक्चर होना भी इस बीमारी के लक्षण हैं.

हाइपोक्लेमिया के उपचार के लिए प्रतिदिन कैल्शियम से भरपूर आहार का सेवन करना चाहिए ताकि शरीर में कैल्शियम की कमी को पूरा किया जा सके. इसके लिए दूध या दुग्ध उत्पाद जैसे पनीर, दही इत्यादि लिया जा सकता है. पत्तेदार सब्जियाँ, फलियाँ, सूखे फल व अन्य विभिन्न खाद्य पदार्थ जो कैल्शियम से भरपूर हों, भी लिया जा सकता है. इसके अलावा इस बीमारी में कैल्शियम और विटामिन डी के स्तर को बनाये रखने के साथ-साथ हड्डियों के स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए नियमित व्यायाम करना चाहिए और अपने वजन को संतुलित बनाए रखना चाहिए. इसके अलावा तंबाकू और शराब का सेवन सीमित कर देना चाहिए या इसे छोड़ देना चाहिए.

आस्टियोपोरोसिस: - आस्टियोपोरोसिस भी कैल्शियम की कमी के कारण होने वाला एक रोग है. इसमें हड्डियों में कैल्शियम की कमी हो जाती है, जिस कारण से हड्डियों में छिद्रनुमा हो जाता है तथा यह हड्डियों को नाजुक और भंगुर बना देता है. इस बीमारी में हाइड्डियों के फ्रेक्चर या ब्रेकेज होने का जोखिम अधिक रहता है. यह बीमारी व्यस्कों में खासकर महिलाओं में अधिक पाया जाता है.

हृदय रोग: - कैल्शियम की कमी से होने वाले बीमारियों में हृदय रोग भी शामिल है. अध्ययनों से पता चला है कि पर्याप्त मात्रा में कैल्शियम प्राप्त होने से दिल की बीमारी और स्ट्रोक से सुरक्षा मिल सकता है. इस प्रकार कैल्शियम की कमी कार्डियोवैस्कुलर जोखिम पैदा कर सकता है.

उच्च रक्तचाप: - कैल्शियम की कमी से उच्च रक्तचाप की समस्या भी हो सकती है. कैल्शियम युक्त आहार लेने से उच्च रक्तचाप होने का खतरा कम हो सकता है. वसा मुक्त और कम वसा वाले डेयरी उत्पाद, फल व सब्जियों के आहार से उच्च रक्तचाप में लाभ होता है.

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