एसेक्सुअल क्या है, जानिए सबकुछ
एसेक्सुअल क्या है
एसेक्सुअल या अलैंगिक ऐसे लोग होते हैं जिनमें दूसरों के प्रति यौन आकर्षण की कमी होती है या जिन्हें यौन गतिविधियों में कम रुचि है। कुछ लोग अलैंगिकता को अपना सेक्सुअल ओरिएंटेशन मानते हैं।
कुछ लोग ऐसे भी हैं जो इसे पूर्ण रूप से सेक्सुअल ओरिएंटेशन की अनुपस्थिति के रूप में वर्णित करते हैं। अलैंगिक एक ऐसा सम्पूर्ण शब्द भी हो सकता है जिसमें एसेक्सुअलिटी का एक विस्तृत स्पेक्ट्रम शामिल है।
एसेक्सुअलिटी में उभयलिंगी, क्वीरप्लाटोनिक, और कई अन्य सेक्सुअल ओरिएंटेशन के लोग शामिल हो सकते हैं। अलैंगिक लोग सिजेंडर, नॉन-बाइनरी, ट्रांसजेंडर या किसी अन्य लिंग के रूप में भी पहचाने जा सकते हैं।
रोमांटिक नहीं भी हो सकते एसेक्सुअल
एसेक्सुअल लोगों का दूसरों के प्रति रोमांटिक (लेकिन यौन नहीं) आकर्षण होना आम बात है। जिनके जीवन में रोमांस की कोई जगह नहीं होती है। अर्थात, वे अन्य लोगों के लिए कोई रोमांटिक आकर्षण महसूस नहीं करते।
रोमांस ना होने पर भी ऐसा भी नहीं कि उन्हें यौन आकर्षण नहीं होता है। वे हेटरो- होमो-, बाय- या पैन-रोमांटिक के रूप में पहचाने जा सकते हैं। उनकी अपनी सेक्सुअल ओरिएंटेश हो सकती है।
सारांश- एसेक्सुअल उन्हें कहते हैं जिन लोगो में यौन गतिविधियों के प्रति कमी या अरुचि होती है। कुछ लोग इसे ही अपना सेक्सुअल ओरिएंटेशन मानते हैं। एसेक्सुअल यानी अलैंगिक में एसेक्सुअलिटी का एक विस्तृत स्पेक्ट्रम शामिल है। ये रोमांटिक कम होते हैं पर यौन आकर्षण इनमें हो सकता है।
अलैंगिक के लिए अन्य नाम
कुछ अलैंगिक लोग 'एस' नाम से पहचाने जाते हैं। उनको इसी नाम से अपनी पहचान कराना पसंद होता है।
अलैंगिकता के बारे में मिथक और भ्रांतियां
अलैंगिकता का अर्थ ब्रह्मचर्य नहीं है। जो लोग ब्रह्मचर्य का पालन करते हैं वे सेक्स से परहेज करते हैं, लेकिन जरूरी नहीं कि वे दूसरों के प्रति यौन रूप से आकर्षित नहीं होते हैं।
कुछ लोग धार्मिक या व्यक्तिगत मान्यताओं के कारण ब्रह्मचारी रहना चुनते हैं। दूसरी ओर, अलैंगिकता एक प्रकार का रुझान है और यह कोई विकल्प नहीं है।
कुछ अलैंगिक लोग वास्तव में सेक्स भी करते हैं। हालांकि वे ऐसा क्यों करते हैं इसके कई कारण हो सकते हैं। आमतौर पर इसके पीछे दो सामान्य कारण हैं, अपने रोमांटिक साथी को खुश करना या बच्चे पैदा करना।
निजी इतिहास पर निर्भर नहीं अलैंगिक होना
ऐसा नहीं है कि अलैंगिक लोग साथ नहीं निभाते हैं। या फिर उनका इतिहास इसका कारण होता है। अलैंगिक भी अपने दायित्व समझते हैं। कई अलैंगिक लोगों में अन्य लोगों के लिए रोमांटिक भावनाएँ होती हैं।
एसेक्सुअल लोग भी अपने साथी के साथ में घूमने फिरने जाते हैं, और लंबे और अल्पकालिक रोमांटिक संबंध रखते हैं। दरअसल उन्हें आम तौर पर सेक्स के प्रति घृणा नहीं होती है – पर वे खुद किसी प्रकार का यौन आकर्षण महसूस नहीं करते हैं।
कोई भी व्यक्ति इसलिए एसेक्सुअल या अलैंगिक नहीं हो जाता क्योंकि उसे यौन रूप से अस्वीकार कर दिया गया है। यह सिर्फ एक मिथक है। कुछ लोगों को एक या अधिक बार यौन संबंधों के बाद समझ आता है कि वे अलैंगिक हैं।
उम्र से कोई मतलब नहीं
वहीं कुछ कम उम्र से ही इसके बारे में जानते औऱ समझते हैं। अलैंगिकता एक मानसिक विकार नहीं है, और लोग इसलिए अलैंगिक नहीं हो जाते क्योंकि उनका यौन शोषण किया गया है।
किसी और की तरह, एक एसेक्सुअल ओरिएंटेशन किसी व्यक्ति के जीवन इतिहास पर निर्भर नहीं करता है। हालांकि ये कारक किसी व्यक्ति की पहचान का हिस्सा बन सकते हैं।
सारांश- अलैंगिक होने की वजहों को लेकर मिथक बहुत हैं। कोई कहता है कि उन्हें सेक्स के प्रति घृणा होती है, कोई उनके ठुकराए जाने या उनके इतिहास से इसे जोड़ता है। ऐसा नहीं है एसेक्सुअल होना किसी के व्यक्ति की रुचि है। इसका इन कारकों से मतलब नही है।
अलैंगिकता रिश्तों में कैसे काम करती है
अलैंगिक लोगों के दूसरों के साथ रोमांटिक संबंध हो सकते हैं। किसी व्यक्ति की अलैंगिकता रिश्ते को प्रभावित कर भी सकती है और नहीं भी कर सकती है।
अलैंगिकता की बात आने पर लोगों के लिए अपनी सीमाओं पर चर्चा करना महत्वपूर्ण है। यदि आप किसी अलैंगिक व्यक्ति के साथ संबंध में हैं, तो सेक्स के बारे में उनकी प्राथमिकताओं का सम्मान करें।
कुछ अलैंगिक लोग कुछ मात्रा में शारीरिक या यौन संपर्क के साथ सहज हो सकते हैं, जबकि अन्य नहीं। ऐसे में एक दूसरे से खुलकर बातचीत करना बहुत महत्वपूर्ण है।
सारांश- यदि किसी का साथी एसेक्सुअल है तो उसे उसकी सहजता का ध्यान रखना चाहिए। इस प्राथमिकता का सम्मान करना चाहिए और संवाद करना चाहिए।
अपने प्रियजनों को अलैंगिकता को समझने में मदद करना
कई बार एलैंगिक लोगों को अपने प्रियजनों (या किसी और) को अपने सेक्सुअल ओरिएंटेशन के बारे में बताना ज़रूरी नहीं लगता है। पर कुछ को अपने बारे में ये खुलासा करना मददगार लगता है।
आप अपने करीबी लोगों को अपने सेक्सुअल ओरिएंटेशन के बारे में विस्तृत तरीके से समझा सकते हैं या फिर आप सीधे तौर खुद में यौन आकर्षण की कमी की बात कह सकते हैं।
यह तय करना हमेशा आपके ऊपर होता है कि किसे आपको सच्चाई से अवगत कराना है, लेकिन किसी और के बारे में ये खुलासा करना ठीक नहीं है। फिर चाहे वो आपका रोमांटिक पार्टनर ही क्यों ना हो।
प्रियजन की निजता को समझें
यदि आपका साथी अपने जीवन के इस हिस्से को निजी रखना पसंद करता है, तो उसके निर्णय का सम्मान करें। कई मामलों में, बातचीत में अलैंगिकता का मुद्दा आने की संभावना नहीं होती है।
आपको यह पता होना चाहिए कि हर व्यक्ति की रुचि का सम्मान जरुरी है। यह खुद के लिए भी लागू होता है। अगर किसी प्रियजन ने आपसे आपके ओरिएंटेशन के बारे में पूछा तो आप कैसे प्रतिक्रिया देंगे यह आपको पता होना चाहिए।
कई शोध बताते हैं कि अधिकांश अलैंगिक लोग भावनात्मक रूप से अंतरंग संबंधों की इच्छा रखते हैं, पर वे उस अंतरंगता को व्यक्त करने के लिए सेक्स करना पसंद नहीं करते।
सारांश- निजता चाहे आपकी हो या आपके पार्टनर की। आपको उसका सम्मान करना चाहिए। सेक्सुअल ओरिएंटेशन का खुलासा करना आपका निर्णय हो सकता है, जरुरी नहीं कि यह आपके पार्टनर पर लागू हो। अपने या पार्टनर दोनों की निजता और भावना के प्रति संवेदनशील रहें।
क्या अलैंगिक लोग कभी सेक्स करते हैं?
यह पूरी तरह से अलैंगिक व्यक्ति की इच्छा पर निर्भर करता है, लेकिन कुछ अलैंगिक लोग अलग-अलग कारणों से सेक्स करते हैं। कुछ लोग इसका आनंद भी लेते हैं।
कुछ अलैंगिक लोग यौन गतिविधि में शामिल होना चुन सकते हैं क्योंकि उन्हें यौन कामेच्छा महसूस होती है, या फिर वे अपने साथी से अंतरंगता व्यक्त करने के लिए ऐसा करते हैं।
कुछ अलैंगिक लोग एक प्रतिबद्ध रिश्ते में लगातार यौन संबंध भी रखते हैं।
सारांश- अलैंगिक लोग सेक्स कर भी सकते हैं। इसके कारण रिश्ते के प्रतिबद्धता से लेकर अपना आनंद तक हो सकता है।
अलैंगिकता को लेकर कुछ सवाल
एसेक्सुअलिटी को लेकर कई सवाल होते हैं। उनके रिश्ते कैसे होते हैं, वो कैसे अपने मन की बात कर सकते हैं। आइए इन पहलुओँ पर ध्यान देते हैं।
क्या अलैंगिक लोग रिश्तों में हो सकते हैं?
अलैंगिकता आपको प्यार करने से नहीं रोकती है। कई अलैंगिक लोग रोमांटिक आकर्षण का अनुभव करते हैं । अलैंगिक लोग प्यार कर सकते हैं, रोमांटिक रिश्तों में रहना पसंद कर सकते हैं या जीवनसाथी के साथ बच्चे पैदा कर सकते हैं।
अलैंगिक लोगों के लिए कौन से संसाधन उपलब्ध हैं?
यदि आप अपनी अलैंगिक के रूप में पहचान करते हैं, तो आप अकेले नहीं हैं। यही नहीं आपके सपोर्ट के लिए कई संसाधन उपलब्ध हैं। ऐसे लोगों के लिए संसाधनों की बात करें तो सबसे महत्वपूर्ण होता है।
ऐसे लोगों का एक समुदाय ढूंढना एक बड़ी चुनौती है। चाहे वह एक स्थानीय एलजीबीटीक्यू केंद्र हो, या हो सकता है कि यह आपके आसपास कोई ग्रुप हो । आप चाहें तो ऐसे लोगों की मदद के लिए काम कर रहे एनजीओं से सम्पर्क कर सकते हैं।
यह एक ऐसी जगह है जहां लोग आपको अपनी अलैंगिकता का पता लगाने की अनुमति देंगे। साथ ही आपको सुरक्षित और सहायक वातावरण भी प्रदान करेंगे।
निष्कर्ष- अलैंगिकता किसी भी व्यक्ति की निजी प्राथमिकता है। इसका सम्मान किया जाना चाहिए। इसे लेकर कोई एक नियम नहीं हो सकता है। अलैंगिक लोगों की एक बहुत बड़ा स्पेक्ट्रम होता है। इसलिए कोई एक ही तरह से व्यवहार करे यह संभव नहीं है।