Allergy From Woolen Clothes In Hindi - ऊनी कपड़ों से एलर्जी
ठंड के मौसम में ऊनी कपड़े ही हमारी हिफाजत करते हैं. बाजार में कई तरह के रंग-बिरंगे ऊनी कपडे उपलब्ध होते हैं. इनसे हम सर्दियों से तो बच ही जाते हैं साथ में आप अपने स्टाइल को भी एक नया रूप दे सकते हैं. इन कपड़ों से हम अपने आपको बचाने और संवारने दोनों काम कर लेते हैं. लेकिन कई बार हम ये भी देखते हैं कि कुछ लोगों को ऊनी कपड़ों से एलर्जी होने लगती है. अक्सर ऐसा होता है कि यही ऊनी कपड़े कुछ लोगों के लिए तकलीफ का कारण बन जाते हैं. इस तरह की परेशानी से ज्यादातर महिलाएं पीड़ित होती हैं.
संवेदनशील त्वचा
डॉक्टर्स के मुताबिक, यह ऐलर्जी आमतौर पर उन्हीं लोगों को होती है, जिनकी स्किन सेंसिटिव होती है. ज्यादातर महिलाओं, बच्चों और बूढों को यह प्रॉब्लम होती है. दूसरी वजह स्किन का ड्राई होना है. अगर सेंसिटिव है. तो चलेगा लेकिन सेंसिटिव के साथ ड्राईनेस भी रहेगी, तो यह प्रॉब्लम बेहद तकलीफदेह हो जाएगी.
ये भी हो सकता है कारण
विंटर में वुलन ऐलर्जी होने की एक और वजह स्किन का वुलन के सीधे सम्पर्क में आना भी है. इससे अटिकेरिया की प्रॉब्लम होती है. इससे अफेक्टेड एरिया की स्किन लाल हो जाती है और जलन के साथ बहुत ज्यादा खुजली होती है. वहीं कुछ लोगों की वुलन कपड़े पहनते ही नाक बहने लगती है और आंखों में हमेशा पानी बना रहता है. वे सोचते है कि कोल्ड हो गया है, जब यह स्किन ऐलर्जी की वजह से होता है.
फर्क समझें सर्दी और एलर्जी में
वुलन पहनते ही अगर आपके चेहरे पर रेडनेस, स्वैलिंग, स्केली, नाक बंद होना, स्किन पर खुजली और रैशेज आना जैसी दिक्कतें आ जाती है. तो समझ जाइए कि आपको वुलन ऐलर्जी है. ये कई दिन तक स्किन पर बने रहते है. और जैसे ही एक बार ठीक होने लगते है. फिर से बॉडी पर आ जाते हैं. आमतौर पर यह प्रॉब्लम हाथों और पैरों में अधिक देखने को मिलती है. डाक्टर्स के मुताबिक, वुलन ऐलर्जी होने की मुख्य वजह ड्राई स्किन है. कॉस्मेटिक स्किन ऐंड होम्योक्लीनिक की कॉस्मोटॉलेजिस्ट व होम्योफिजीशियन डॉ. करुणा मलहोत्रा कहती हैं कि आमतौर जो किसी न किसी प्रकार की ऐलर्जी से ग्रस्त रहते है, उन्हें वुलन ऐलर्जी की समस्या अधिक होती है. यह ऐलर्जी वुलन और स्किन हेयर के बीच होने वाले खिंचाव से आती है. उस जगह की स्किन रेड हो जाती है और छोटे-छोटे दाने निकलने लगते है, जिनमें लगातार खुजली होती रहती है.
ये है उपाय
- स्किनोलॉजी स्किन व हेयर क्लीनिक की डर्माटॉलेजिस्ट डॉक्टर निवेदिता दादू कहती हैं, वुलन ऐलर्जी का कोई पर्मानेंट इलाज नहीं है. हां थोड़े समय के लिए दवाइयों से राहत मिल जाती है, लेकिन असर खत्म होते ही वह फिर से हो जाती है. जिन्हें वुलन ऐलर्जी की समस्या ज्यादातर होती है. वो फुल स्लीव्स के कॉटन इनर वियर पहनें. इससे स्किन वुलन के सीधे टच में नहीं आएगी और ऐलर्जी से बचा जा सकेगा. ऐसे लोगों को बाकी लोगों के बजाय ज्यादा गर्म कपड़े पहनने की भी जरूरत होती है.
- वैसे, हम आपको बता दें कि हर वुलन कपड़े ऐलर्जी की वजह नहीं बनते. कुछ ही वुलन ऐसे होते हैं इसलिए अगर आप यह समझ लें कि कौन सी वुलन तो आप दिक्कत से बचे रह सकते हैं. इसके अलावा, वुलन पहनने से पहले स्किन पर कोल्ड क्रीम मल लें. साथ ही साथ वुलन ऐलर्जी से बचने के लिए मॉइस्चराइजर का यूज रेग्युलर करना चाहिए. नहाने के बाद पूरी बॉडी में मॉइस्चराइजर लागाने से काफी राहत रहती है.
- ऐलर्जी वाली स्किन पर आलिव ऑइल की मसाज बेहद फायदेमंद होती है. मॉइस्चराइजर युक्त साबुन का ही इस्तेमाल करें. खूब फल व सब्जियां एक विटामिन ई युक्त नाइट क्रीम लें और उससे अपनी बाडी और फेस को मॉइस्चराइजर करें. गर्म पानी से न नहाएं. हल्के गिले शरीर में मॉइस्चराइजर का उपयोग करें. ड्राई स्किन के लिए ग्लिसरीन और गुलाब जल मिलाकर मॉइस्चराइजर के तौर पर लगा सकते है.