Get the App
For Doctors
Login/Sign-up
Last Updated: Aug 29, 2019
BookMark
Report
Dr. Prakruti PatelHomeopathy Doctor • 13 Years Exp.MD - Alternate Medicine, BHMS, Diploma in Naturopathy & Yogic Science (DNYS)
अनमोल कैल्शियम बनाएँ मजबूत हड्डियाँ
प्रत्येक युवक की यह तमन्ना होती है कि उसकी भुजाएँ बलिष्ठ हों और चेहरे से ज्यादा आकर्षण पूरे शरीर में दिखे। इसके लिए वे तरह-तरह के व्यायाम करते हैं और अत्याधुनिक मशीनी सुविधाओं से सज्जित जिम में भी जाते हैं। मगर क्या आप जानते हैं कि मजबूत भुजाएँ और बलिष्ठ शरीर के लिए कैल्शियम का कितना महत्व है?
आइए देखते हैं हमारे भोजन मे यह किस तरह से मिलता है और शरीर को मजबूती प्रदान करता है। इसके महत्व को आमतौर पर सभी माताएँ जानती हैं। बच्चों को दिन में दो-तीन बार जबरन दूध पिलाने वाली आज की माताएँ जानती हैं कि कैल्शियम उसकी बढ़ती हड्डियों के लिए कितना जरूरी है। वहीं पुराने समय की या कम पढ़ी-लिखी ग्रामीण माताएँ भी इतना तो अवश्य जानती थीं कि दूध पीने से बच्चे का डील-डौल व कद बढ़ता है। यह बच्चे को चुस्त व बलिष्ठ भी बनाता है। भले ही उन्हें दूध में पाए जाने वाले अनमोल कैल्शियम का ज्ञान न हो, जो बच्चों की हड्डियों, दाँतों के स्वरूप, उनके आकार व उन्हें स्वस्थ व मजबूत बनाने में अति सहायक सिद्ध हुआ है। इसी कैल्शियम की निरंतर कमी के कारण बच्चों के दाँत, हड्डियाँ व शरीर कमजोर हो जाते हैं।
'आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति' में भी कैल्शियम का बड़ा महत्व है। कैल्शियम को कमजोर व पतली हड्डियों को मजबूत करने, दिल की कमजोरी, गुर्दे की पथरियों को नष्ट करने और महिलाओं के मासिक धर्म से संबंधित रोगों के उपचार में लाभकारी पाया गया है।
इसलिए हमें प्रतिदिन कैल्शियम तत्व निम्न रूप से लेना चाहिए-
• गर्भवती व दूध पिलाने वाली महिलाओं के लिए 1200 मिलीग्राम।
• 6 मास से छोटे बच्चों के लिए 400 मिलीग्राम।
• 6 मास से 1 वर्ष के बच्चों के लिए 600 मिलीग्राम।
• 1 वर्ष से 10 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए 800 मिलीग्राम।
• 11 वर्ष से ऊपर सभी आयु वर्ग के लिए 1200 मिलीग्राम।
दैनिक भोजन में हमें कुछ पदार्थों से कैल्शियम तत्व मिल सकता है जैसे पनीर, सूखी मछली, राजमा, दही, गरी गोला, सोयाबीन आदि। इसी प्रकार दूध एक गिलास (गाय) से 260 मिलीग्राम, दूध एक गिलास (भैंस) से 410 मिलीग्राम कैल्शियम मिलता है। प्रेशर कुकर में पकाए गए चावल, मोटे आटे की रोटी से हमें काफी कैल्शियम मिल सकता है। कैल्शियम उचित मात्रा में खाने से हमारी बुद्धि प्रखर होती है और तर्क शक्ति भी बढ़ती है। हरी पत्तेदार सब्जियों में भी यह तत्व पाया जाता है
प्रत्येक युवक की यह तमन्ना होती है कि उसकी भुजाएँ बलिष्ठ हों और चेहरे से ज्यादा आकर्षण पूरे शरीर में दिखे। इसके लिए वे तरह-तरह के व्यायाम करते हैं और अत्याधुनिक मशीनी सुविधाओं से सज्जित जिम में भी जाते हैं। मगर क्या आप जानते हैं कि मजबूत भुजाएँ और बलिष्ठ शरीर के लिए कैल्शियम का कितना महत्व है?
आइए देखते हैं हमारे भोजन मे यह किस तरह से मिलता है और शरीर को मजबूती प्रदान करता है। इसके महत्व को आमतौर पर सभी माताएँ जानती हैं। बच्चों को दिन में दो-तीन बार जबरन दूध पिलाने वाली आज की माताएँ जानती हैं कि कैल्शियम उसकी बढ़ती हड्डियों के लिए कितना जरूरी है। वहीं पुराने समय की या कम पढ़ी-लिखी ग्रामीण माताएँ भी इतना तो अवश्य जानती थीं कि दूध पीने से बच्चे का डील-डौल व कद बढ़ता है। यह बच्चे को चुस्त व बलिष्ठ भी बनाता है। भले ही उन्हें दूध में पाए जाने वाले अनमोल कैल्शियम का ज्ञान न हो, जो बच्चों की हड्डियों, दाँतों के स्वरूप, उनके आकार व उन्हें स्वस्थ व मजबूत बनाने में अति सहायक सिद्ध हुआ है। इसी कैल्शियम की निरंतर कमी के कारण बच्चों के दाँत, हड्डियाँ व शरीर कमजोर हो जाते हैं।
'आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति' में भी कैल्शियम का बड़ा महत्व है। कैल्शियम को कमजोर व पतली हड्डियों को मजबूत करने, दिल की कमजोरी, गुर्दे की पथरियों को नष्ट करने और महिलाओं के मासिक धर्म से संबंधित रोगों के उपचार में लाभकारी पाया गया है।
इसलिए हमें प्रतिदिन कैल्शियम तत्व निम्न रूप से लेना चाहिए-
• गर्भवती व दूध पिलाने वाली महिलाओं के लिए 1200 मिलीग्राम।
• 6 मास से छोटे बच्चों के लिए 400 मिलीग्राम।
• 6 मास से 1 वर्ष के बच्चों के लिए 600 मिलीग्राम।
• 1 वर्ष से 10 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए 800 मिलीग्राम।
• 11 वर्ष से ऊपर सभी आयु वर्ग के लिए 1200 मिलीग्राम।
दैनिक भोजन में हमें कुछ पदार्थों से कैल्शियम तत्व मिल सकता है जैसे पनीर, सूखी मछली, राजमा, दही, गरी गोला, सोयाबीन आदि। इसी प्रकार दूध एक गिलास (गाय) से 260 मिलीग्राम, दूध एक गिलास (भैंस) से 410 मिलीग्राम कैल्शियम मिलता है। प्रेशर कुकर में पकाए गए चावल, मोटे आटे की रोटी से हमें काफी कैल्शियम मिल सकता है। कैल्शियम उचित मात्रा में खाने से हमारी बुद्धि प्रखर होती है और तर्क शक्ति भी बढ़ती है। हरी पत्तेदार सब्जियों में भी यह तत्व पाया जाता है