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Last Updated: Aug 29, 2019
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Dr. Bindiya R PatelAyurvedic Doctor • 12 Years Exp.Bachelor of Ayurveda, Medicine and Surgery (BAMS), MASTER ADVANCED DIPLOMA IN ACUPRESSURE HEALTH SCIENCE, POST GRADUATE COURSE IN ANTE NATAL CARE
हरड़ के फायदे

हरड़, जिसे आमतौर से हरीतकी के नाम से भी जाना जाता है, भारतीय आर्युवेदिक पौधा है, जिसमें कई चिकित्सकीय गुण समाए हैं।
यह सुविख्यात त्रिफला का प्रमुख तत्व है जिसका इस्तेमाल जिगर बढ़ने, ल्यूकोरिया और पेट की तकलीफों को दूर करने में किया जाता है।
यूनानी चिकित्सा पद्धति में इस जड़ी-बूटी का इस्तेमाल एंटीटॉक्सिन के तौर पर किया जाता है जो कंजक्टीवाइटिस, गैस्ट्रिक की तकलीफों, पुराने और बार-बार होने वाले बुखार, साइनस, एनीमिया, मैलन्कोलियो तथा हिस्टीरिया के इलाज में किया जाता है।
घरेलू नुस्खे -
(1) हरड़ का काढ़ा त्वचा संबंधी एलर्जी में लाभकारी है। हरड़ के फल को पानी में उबालकर काढ़ा बनाएँ और इसका सेवन दिन में दो बार नियमित रूप से करने पर जल्द आराम मिलता है। एलर्जी से प्रभावित भाग की धुलाई भी इस काढ़े से की जा सकती है।
(2) फंगल एलर्जी या संक्रमण होने पर हरड़ के फल और हल्दी से तैयार लेप प्रभावित भाग पर दिन में दो बार लगाएँ, त्वचा के पूरी तरह सामान्य होने तक इस लेप का इस्तेमाल जारी रखें।
(3) मुँह में सूजन होने पर हरड़ के गरारे करने से फायदा मिलता है। हरड़ का लेप पतले छाछ के साथ मिलाकर गरारे करने से मसूढ़ों की सूजन में भी आराम मिलता है।
(4) हरड़ का चूर्ण दुखते दाँत पर लगाने से भी तकलीफ कम होती है।
(5) हरड़ स्वास्थ्यवर्धक टॉनिक होता है जिसके प्रयोग से बाल काले, चमकीले और आकर्षक दिखते हैं। हरड़ के फल को नारियल तेल में उबालकर (हरड़ पूरी तरह घुलने तक) लेप बनाएँ और इसे बालों में लगाएँ या फिर प्रतिदिन 3-5 ग्राम हरड़ पावडर एक गिलास पानी के साथ सेवन करें।
(6) हरड़ का गूदा कब्ज से राहत दिलाने में भी गुणकारी होता है। इस गूदे को चुटकीभर नमक के साथ खाएँ या फिर 1/2 ग्राम लौंग अथवा दालचीनी के साथ इसका सेवन करें|

हरड़, जिसे आमतौर से हरीतकी के नाम से भी जाना जाता है, भारतीय आर्युवेदिक पौधा है, जिसमें कई चिकित्सकीय गुण समाए हैं।
यह सुविख्यात त्रिफला का प्रमुख तत्व है जिसका इस्तेमाल जिगर बढ़ने, ल्यूकोरिया और पेट की तकलीफों को दूर करने में किया जाता है।
यूनानी चिकित्सा पद्धति में इस जड़ी-बूटी का इस्तेमाल एंटीटॉक्सिन के तौर पर किया जाता है जो कंजक्टीवाइटिस, गैस्ट्रिक की तकलीफों, पुराने और बार-बार होने वाले बुखार, साइनस, एनीमिया, मैलन्कोलियो तथा हिस्टीरिया के इलाज में किया जाता है।
घरेलू नुस्खे -
(1) हरड़ का काढ़ा त्वचा संबंधी एलर्जी में लाभकारी है। हरड़ के फल को पानी में उबालकर काढ़ा बनाएँ और इसका सेवन दिन में दो बार नियमित रूप से करने पर जल्द आराम मिलता है। एलर्जी से प्रभावित भाग की धुलाई भी इस काढ़े से की जा सकती है।
(2) फंगल एलर्जी या संक्रमण होने पर हरड़ के फल और हल्दी से तैयार लेप प्रभावित भाग पर दिन में दो बार लगाएँ, त्वचा के पूरी तरह सामान्य होने तक इस लेप का इस्तेमाल जारी रखें।
(3) मुँह में सूजन होने पर हरड़ के गरारे करने से फायदा मिलता है। हरड़ का लेप पतले छाछ के साथ मिलाकर गरारे करने से मसूढ़ों की सूजन में भी आराम मिलता है।
(4) हरड़ का चूर्ण दुखते दाँत पर लगाने से भी तकलीफ कम होती है।
(5) हरड़ स्वास्थ्यवर्धक टॉनिक होता है जिसके प्रयोग से बाल काले, चमकीले और आकर्षक दिखते हैं। हरड़ के फल को नारियल तेल में उबालकर (हरड़ पूरी तरह घुलने तक) लेप बनाएँ और इसे बालों में लगाएँ या फिर प्रतिदिन 3-5 ग्राम हरड़ पावडर एक गिलास पानी के साथ सेवन करें।
(6) हरड़ का गूदा कब्ज से राहत दिलाने में भी गुणकारी होता है। इस गूदे को चुटकीभर नमक के साथ खाएँ या फिर 1/2 ग्राम लौंग अथवा दालचीनी के साथ इसका सेवन करें|