यूरिन इन्फेक्शन का इलाज - Urin Infection Ka Ilaj!
देर तक पेशाब रोकने से पेशाब के थैली (ब्लैंडर) में बैक्टीरिया जमा हो जाने से पेशाब में कई तरह के इन्फेक्शन हो जाते हैं इसे ही यूरिन इन्फेक्शन या यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन या यूटीआई (Urinary Tract Infection – UTI) कहते हैं. अधिकांश यूरिन इन्फेक्शन बैक्टीरिया के कारण होता है पर कभी-कभी या फंगस या वायरस द्वारा भी फैलता है. पुरुषों के अपेक्षा महिलाओं में यह समस्या अधिक देखने को मिलती है. यूरिन इन्फेक्शन का असर मूत्राशय, किडनी व मूत्र नली पर भी होता है. यूरिन इन्फेक्शन बने रहने से किडनी खराब भी हो सकती है. अतः यूरिन इन्फेक्शन को नजरअंदाज नहीं करनी चाहिए बल्कि इसका उचित इलाज किया जाना चाहिए. आइए हम यूरिन इन्फेक्शन के लक्षण, कारण व इलाज पर चर्चा करते हैं.
यूरिन इन्फेक्शन के लक्षण-
यूरिन इन्फेक्शन में कई तरह के लक्षण देखने को मिलते हैं. यूरिन इन्फेक्शन में पेशाब में जलन के साथ-साथ पेशाब करते समय दर्द भी हो सकता है. यूरिन इन्फेक्शन में बार-बार पेशाब या थोड़ा-थोड़ा पेशाब होता है या पेशाब करके आने पर फिर ऐसा लगता है कि फिर पेशाब होगा. यूरिन इन्फेक्शन में पेशाब में बदबू भी आ सकती है. कभी-कभी पेशाब में खून भी आता है. पेशाब का रंग गाढ़ा पीला हो जाता है. यूरिन इन्फेक्शन में पेट या नाभि के नीचे दर्द भी हो सकता है तथा इन्फेक्शन का असर किडनी तक पहुँच जाने पर तेज बुखार भी आ सकता है.
यूरिन इन्फेक्शन का कारण-
यूरिन इन्फेक्शन होने के कई कारण हैं. पेशाब आने पर तुरत पेशाब नहीं करना व पेशाब को रोके रखना इसका मुख्य कारण है. पेशाब रोके रखने से पेशाब के ब्लैंडर में बैक्टीरिया जमा हो जाता है और फिर इस बैक्टीरिया से संक्रमण या इन्फेक्शन हो जाता है. यूरिन इन्फेक्शन के अन्य कारण भी हैं. पानी कम पीने से भी यूरिन इन्फेक्शन होता है. इसके अलावा प्रोजेस्ट्रोन हर्मोन का बढ़ने या एस्ट्रोजन हर्मोन का कम होने से भी यूरिन इन्फेक्शन होता है. रीढ़ की हड्डी स्पाइनल कार्ड में चोट लागने से भी यूरिन इन्फेक्शन होता है. मधुमेह के मरीज को भी यूरिन इन्फेक्शन होने की संभावना अधिक रहती है. इसके अलावा यूरिन इन्फेक्शन आनुवांशिक भी होता है. जननांग क्षेत्र में साफ-सफाई का ध्यान न रखना भी यूरिन इन्फेक्शन का कारण होता है. लड़कियों या महिलाओं में महवारी के समय यूरिन इन्फेक्शन के संभावना बढ़ जाती है.
यूरिन इन्फेक्शन का इलाज
बेकिंग सोडा: - यूरिन इन्फेक्शन में आधा से एक चम्मच बेकिंग सोडा को एक गिलास पानी में मिलाकर दिन में एक या दो बार पीना चाहिए. इससे शरीर में एसिड का लेवल बना रहता है व पेशाब का इन्फेक्शन भी दूर होता है.
खूब पानी पीना: - यूरिन इन्फेक्शन में खूब पानी पीना चाहिए. अधिक पानी पीने के कारण अधिक पेशाब आने से पेशाब के थैली (ब्लैंडर) का बैक्टीरिया पेशाब के माध्यम से शरीर से बाहर आ जाते हैं और इन्फेक्शन भी ठीक हो जाता है.
छाछ या दही: - यूरिन इन्फेक्शन में छाछ पीना फायदेमंद होता है. छाछ पीने से ब्लैंडर में पनप रहे बैक्टीरिया बाहर हो जाते हैं. छाछ के स्थान पर दही भी लिया जा सकता है.
क्रेनबेरी (Cranberry): - क्रेनबेरी फल का जूस यूरिन इन्फेक्शन में बहुत ही ज्यादा प्रभावशाली होता है. क्रेनबेरी फल का जूस को सेब के जूस के साथ मिलाकर पीया जा सकता है. इसके प्रयोग से कुछ ही दिन में इन्फेक्शन ठीक हो जाता है.
अन्नानास: - अन्नानास में ब्रोमेलाइन नमक एक एंजाइम होता है जो किडनी व पेशाब के इन्फेक्शन में फायदेमंद होता है. अतः यूरिन इन्फेक्शन में रोज अन्नानास खाना चाहिए या अन्नानास का जूस पीना चाहिए.
सेब का सिरका: - एक गिलास पानी में एक चम्मच सेब का सिरका डालकर अच्छी तरह मिला लेना चाहिए. अच्छे परिणाम के लिए इसमें नींबू का रस व शहद भी मिला लेना चाहिए. फिर इस सिरका को रोज दो बार पीना चाहिए. इससे इन्फेक्शन दूर होता है.
लहसुन: - लहसुन जीवाणुरोधी माने जाते हैं. अतः इसके सेवन से बैक्टीरिया को नष्ट किया जा सकता है. यूरिन इन्फेक्शन में लहसुन के 3-4 कली खाने चाहिए. लहसुन के दुर्गंध से दिक्कत हो तो लहसुन का पेस्ट बनाकर इसे मक्खन के साथ प्रयोग किया जा सकता है.
प्याज: - प्याज शरीर से फ्री रेडिकल्स व विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में सहायक है. इसलिए यूरिन इन्फेक्शन में सलाद के रूप में या जूस के रूप में प्याज का सेवन से इन्फेक्शन जल्द ठीक होता है.
खट्टे फल: - यूरिन इन्फेक्शन में ब्लैंडर के बैक्टीरिया को साइट्रिक एसिड द्वारा दूर किया जा सकता है. अतः यूरिन इन्फेक्शन में खट्टा फल नींबू, संतरा इत्यादि खूब खाना चाहिए. नींबू पानी पीने से भी जल्दी लाभ होता है.
नोट: -
यूरिन इन्फेक्शन यदि जल्द ठीक न हो तो इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए बल्कि चिकित्सक के परामर्श से उचित इलाज कराना चाहिए क्योंकि इन्फेक्शन बने रहने से अन्य बीमारी या किडनी पर प्रभाव भी हो सकता है. इन्फेक्शन किडनी तक पहुँच जाने पर किडनी खराब भी हो सकती है.