Symptoms Of Jaundice in Hindi - पीलिया के लक्षण
पीलिया नाम की बीमारी ऐसी है जो कभी न कभी हर किसीको हुई होती है। पीलिया जिसे हम जॉइंडिस नाम सेभी जानते हैं,यहबीमारीइतनी आम है कि गर्मियों के मौसम में सबसे ज्यादा होने वालीमुख्यबीमारियों में से यह एक है। पीलिया होने की सबसे अहम वजह है भारी गर्मी में बार बार प्यास बुझाने के लिए बाहर का प्रदूषित पानी पीना। मतलब आप समझ ही गए होंगे कि पीलिया होने की वजह है गंदे पानी और दूषित भोजन का सेवन। पीलिया आमतौर पर हेपेटाइटिस ए वायरस की वजह से होता है
जो दूषित या संक्रमित खानपान से फैलता है। यही नहीं कई और बीमारियां हैं जिनके होने से लिवर पर असर पड़ता है, जो पीलिया होने की एक और वजह हो सकती है।पीलिया बच्चे बूढ़े किसी को भी हो सकता है। बस इसके होने की वजह और लक्षण के बार उम्र के हिसाब से अलग अलग नजर आते हैं। पीलिया वैसे तो प्राणघातक नहीं है पर अगर ज्यादा देर हो जाए तो खतरा बढ़ जाता है। इसलिए जरूरी है कि समय रहते पीलिया का जल्द से जल्द लक्षण जानकर उसका इलाज किया जाए। अब आप लक्षण की पहचान कैसे की जाए इस सोच में ना पढ़ें क्योंकि आज हम आपको पीलिया के बारीक से बारीक सिम्पटम्स बताएंगे जिससे सही समय पर उपचार करके खुदको स्वस्थ और सुरक्षित रख सकेंगे।
पीलिया के सिम्पटम्स - Symptoms Of Jaundice in Hindi
- नवजात शिशु को पीलिया
नवजात शिशु को होने वाला पीलिया वयस्कों को होने वाले पीलिया से काफी अलग होता है। शिशुओं को पीलिया लीवर की बीमारी की वजह से नहीं होता। बच्चों का लीवर इतना सक्षम नहीं होता कि वो वयस्कों के लीवर की तरह बिलिरुबिन को कम कर सके। इस वजह से रक्त में बिलिरुबिन जमा हो जाता है और पीलिया हो जाता है। बच्चों में होने वाले पीलिया के सामान्य लक्षण आंखों व त्वचा का पीलापन, अनिद्रा, भूख में कमी और बहुत तेज़ रोना आदि हो सकते हैं। - शरीर और आंखों का पीला होना
पीलिया शब्द ही पीले रंग से लिया गया है। त्वचा और आंखों के सफेद भाग का पीला हो जाना इस बीमारी का सबसे बड़ा लक्षण है। ऐसा बिलिरुबिन का स्तर गिरने के कारण होता है जो कि एक ऐसा पिगमेंट है जो लीवर में रेड ब्लड सेल्स नष्ट होने से पैदा होता है। इसलिए कोई भी बीमारी जो लीवर के सिस्टम को प्रभावित करती है उसमें भी बिलिरुबिन का स्तर ऊंचा हो सकता है और उसका प्रभाव त्वचा पर दिख सकता है। - स्टूल में चेंजेस
जिस इंसान को पीलिया होता है उसके बिलिरुबिन की अत्यधिक मात्रा का अधिकतर हिस्सा यूरीन में निकल जाता है लेकिन जितना हिस्सा बचता है वो पूरे शरीर की कोशिकाओं में फैल जाता है। और इसी वजह से स्टूल का रंग बदल जाता है। - पेट में दर्द होना
पीलिया बिले डक्ट में बिलिरूबिन की रूकावट के कारण भी हो सकता है। ये रूकावट आमतौर पर गालस्टोन के रूप में या फिर बाइल डक्ट में सूजन के कारण होती है। इससे पिगमेंट का स्तर बढ़ जाता है। बहुत से लोगों को ऐसे में पेट दर्द होता है। आमतौर पर ये दर्द पेट के दाहिने तरफ होता है। - पेशाब का रंग गहरा होना
आमतौर पर ऐसा होता है कि लाल रक्त कोशिकाएं बिलिरुबिन में और फिर बाइल कहलाने वाले एक पिगमेंट में बदल जाते हैं। बिलिरुबिन के असामान्य स्तर होने पर यूरीन में बाइल पिगमेंट की मात्रा बढ़ जाती है। इससे यूरीन का रंग गहरा हो जाता है। - वोमिटिंग होना
पीलिया में उल्टी और मतली की शिकायत भी हो सकती है। अगर इसका इलाज ठीक प्रकार से न किया जाए तो आगे चलकर ये समस्या बहुत बड़ी भी हो सकती है। - शरीर में इचिंग होना
कोलेस्टासिस की वजह से जिन लोगों को पीलिया होता है उनको खुजली की शिकायत भी हो जाती है।शुरुआत में खुजली हाथों में होती है और फिर पैरों में। फिर धीरे धीरे पूरे शरीर में फैल जाती है। रात को खुजली की ये समस्या काफी बढ़ जाती है। - नींद में प्रॉब्लम होना
जिन लोगों को पीलिया होता है उनमें नींद से जुड़ी समस्याएं काफी आम है। साथ ही, भावनात्मक कष्ट भी महसूस हो सकता है। - ज्यादा थकान लगना
जिन लोगों को पीलिया होता है उनमें सबसे सामान्य लक्षण थकान है। ये आमतौर पर प्राइमरी बाइलिअरी सर्होसिस, प्राइमरी स्केरोसिंग कोलेंजाटाइसऔर बाइल डक्ट सिंड्रोममें होता है। - दर्दरहित पीलिया
जब पीलिया में दर्द महसूस नहीं होता तो संभव है कि बालइ डक्ट में रुकावट आ रही हो। इस तरह के मामलों में पीलिया में, त्वचा पीली होने के साथ साथ, वजन घटना या दस्त या कब्ज़ जैसे लक्षण भी सामने आते हैं।