Side Effects of Eating Maida in Hindi - मैदा खाने के नुकसान
मैदा एक परिष्कृत गेहूं का आटा है. मैदा बनाने के लिए गेहूं के ऊपरी छिलके हटाए जाते हैं. उसके बाद बचे हुए सफेद हिस्से को बारीक पीसकर मैदा बनता है. जबकि सबसे ज्यादा न्यूट्रिएंट्स गेहूं की इसी परत में होते हैं जो मैदा बनते समय पूरी तरह निकल जाते हैं. छिलका हटने से मैदे में फाइबर बिल्कुल नहीं होता. फिर इसके बाद इसे बेंजोइल पेरोक्साइड ब्लीच किया जाता है जिससे इसको साफ और सफेद रंग और टेक्सचर दिया जाता है. मैदा का इस्तेमाल आज इतना व्यापक हो चुका है कि इसे लगभग सभी लोग खाते हैं. मैदा खाने को लेकर कई लोगों को तो पता भी होता है कि ये नुकसानदेह है लेकिन इसके बावजूद जिह्वा के स्वाद के लिए वो इसे खाते हैं. दरअसल इससे ऐसी चटकदार चीजें बनाई जाती हैं कि लोग इनकार नहीं कर पात हैं. समोसे से लेकर मोमोज तक मैदा से बनी ऐसी कई चीजें हैं जो लगभग सभी के दिल पर राज करती है. भूख लगने पर हमें सबसे ज्यादा इन्हीं स्नैक्स की याद आने लगती है. मैदे के कई साइड इफेक्ट होते हैं, जो लंबे समय तक प्रयोग करने के बाद ही पता चलते है. आइए मैदा खाने के नुकसानों को जानें ताकि हमारा स्वास्थ्य इससे प्रभावित न हो सके.
1. मोटापा बढ़ा
मोटापा के कई कारणों में से एक है हमारे शरीर में स्टार्च का आवश्यकता से अधिक होना. आपको बता दें कि मैदा में स्टार्च की अधिकता होने के कारण ही इसके सेवन से मोटापा में वृद्धि होता है. जैसे ही आप मैदा का सेवन ज्यादा करने लगते हैं आपके वजन में भी उसी अनुपात में वृद्धि होने लगती है. यही नहीं इससे कोलेस्ट्रॉल और ब्लड में ट्राइग्लीसराइड स्तर भी बढ़ता है. इसलिए अगर आप अपना वजन कम करना चाहते हैं तो यदि अपने आहार में से मैदे को हमेशा के लिये हटा दें.
2. डायबिटीज का खतरा
शुगर एक बहुत ही गंभीर बिमारी है जिसका इलाज यदि समय रहते न किया जाए तो मरीज क मौत भी हो सकती है. मैदा खाने से शुगर लेवल तुरंत ही बढ़ जाता है, क्योंकि इसमें बहुत ज्यादा हाई ग्लाइसेमिक इंडेक्स होता है. तो इसलिए अगर आप बहुत ज्यादा मैदे का सेवन करते हैं, तो पैंक्रियास की चिंता आपको अवश्य करना चाहिए.
3. हड्डियां और इम्यूनिटी में कमजोरी
गेहूं से मैदा बनाते समय इसमें से प्रोटीन निकाल लिया जाता है, जिसके कारण यह एसिडिक बन जाता है जो हड्डियों से कैल्शियम को खींच लेता है. इससे हड्डियां कमजोर हो जाती हैं. इसे खाने से मसल्स कमजोर होती है और अर्थराइटिस की संभावना बढ़ जाती है. मैदे के नियमित सेवन से शरीर का इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है और बार-बार बीमार होने की संभावना बढ़ने लगती है.
4. पेट की समस्या और फूड एलर्जी
मैदा पेट के लिए अच्छा नहीं होता है, क्योंकि इसमें डाइट्री फाइबर बिलकुल भी नहीं होता, इसलिए जब कोई मैदे से बनी सामग्री का सेवन करता है तो ये पूरी तरह से पच नहीं पाता है. सही से पाचन न हो पाने के कारण इसका कुछ हिस्सा आंतों में ही चिपक जाता है और कई तरह की बीमारियों का कारण बन सकता है. इसके सेवन से अक्सर कब्ज की समस्या हो जाती है. मैदे में भारी मात्रा में ग्लूटन पाया जाता है जो खाने को लचीला बना कर उसको मुलायम टेक्सचर देता है, फूड एलर्जी का कारण बनता है.