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Last Updated: Oct 23, 2019
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PolyCystic Ovarian Disease (PCOD)

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Dr. Surbhi Bansal AgrawalGeneral Physician • 19 Years Exp.PDDM, MHA, MBBS

PolyCystic Ovarian Disease (PCOD)


PolyCystic Ovarian Disease (PCOD) जिसे PolyCystic Ovarian Syndrome (PCOS) की कहा जाता है, एक महिलाओ में पाया जाने वाला सामान्य विकार है। अनुमान किया जाता है की प्रजनन की उम्र वाली 90 लाख से ज्यादा महिलाओ को PCOD है तथा इनमे से 60 % से ज्यादा महिलाओ को पता नहीं है की उन्हें यह विकार है। कुछ सालो पहले यह समस्या 30 से 35 साल के ऊपर की महिलाओ में ही आम होती थी परन्तु अब कम उम्र की लड़कियों में भी यह ज्यादा प्रमाण में दिखाई दे रही है।

PCOD क्या है ?

महिलाओ में Sex Hormones के असंतुलन के कारण अंडाशय (Ovary) में छोटी-छोटी गाठ या cyst तैयार हो जाती है जिस कारण महिलाओ के मासिक धर्म (Menstrual Cycle) के साथ प्रजनन क्षमता (Fertility) पर भी असर पड़ता है। 

महिलाओ में अंडाशय में सामान्य से अधिक मात्रा में Androgen Hormones की निर्मिति होने पर अंडाशय में छोटी-छोटी तरल पदार्थयुक्त cyst तैयार हो जाती है जो धीरे-धीरे आकार में बढ़ने लगती है। इससे महिलाओ में प्रजनन क्षमता कम हो जाती है और महिला गर्भधारणा करने में असमर्थ हो जाती है।

PCOD के लक्षण क्या है ?

PCOD से पीड़ित महिलाओ में निम्नलिखित लक्षण पाए जाते है :

अनियमित मासिक धर्म (Menstrual cycle) चेहरे / शरीर पर अधिक बाल मुंहासे (Acne) Dandruff पेटदर्द गर्भधारणा में मुश्किल आना यौन इच्छा में अचानक कमी आना गर्भ में छोटी-छोटी गांठ जो की Ultra Sound Scan करने पर दिखाई देती है  बार बार गर्भपात सिर के बालो का अधिक झड़ना त्वचा पर डाग मोटापा 


PCOD के क्या कारण है ?


PCOD होने की मुख्य वजह महिलाओ में Hormones की सामान्य से ज्यादा प्रमाण में निर्मति होना है। स्त्रीरोग विशेषज्ञों का कहना है की पिछले 10 से 15 वर्षो में महिलाओ में PCOD के प्रमाण में 50 से 60 प्रतिशत वृद्धि हुई है। इस असामान्य वृद्धि के कुछ खास कारण है :

असंतुलित आहार (Diet): पिज़्ज़ा, बर्गर जैसे शरीर के लिए हानिकारक junk food। ज्यादा तेलयुक्त, वसायुक्त और मीठा आहार।

 रोग (Diseases) : PCOD होने के पीछे मधुमेह (Diabetes) और उच्च रक्तचाप (Hypertension) जैसे रोग भी एक बड़ी वजह है। अगर परिवार में किसी को PCOD का ईतिहास है तो अनुवांशिकता यह भी एक कारण है। Cholesterol का बढ़ना, HDL कम होना या उच्च Triglycerides के वजह से भी PCOD हो सकता है। 

मोटापा (Obesity) : अत्यधिक junk food का सेवन और व्यायाम के अभाव के कारण आज की युवा पीढ़ी में मोटापा एक बहोत बड़ी समस्या के रूप में उभरा है। ऐसे तो मोटापा कई बीमारियो का घर है परन्तु मोटापे में शरीर में बढ़ी हुई अत्याधिक चर्बी के कारण Estrogen hormone की निर्मिति सामान्य से ज्यादा होती है, जो की अंडाशय में cyst बनाने के लिए जिम्मेदार माना जाता है।

 तनाव (Stress) : आज के दौड़भाग के युग में बढ़ रहे तनाव के कारण लोगो का खानपान और दिनचर्या बिगड़ चुकी है। धूम्रपान, शराब, देर रात का खाना इत्यादि कारणों से भी hormonal imbalance होता है।    


PCOD का निदान (Diagnosis) कैसे किया जाता है ?


PCOD  का निदान करने के लिए निम्नलिखित परिक्षण किया जाता है :

Ultra Sound Scan of Pelvis / Vagina 
Serum LH 
Serum FSH 
LH : FSH ratio 
DHEA-S Level 


PCOD का उपचार कैसे किया जाता है ?

दवा (Medicine) : डॉक्टर द्वारा दी हुई दवा समय पर डॉक्टर के निर्देशानुसार लेना चाहिए। दवा से अंडाशय में ovulation induction कर गर्भधारणा में मदद की जा सकती है। अगर आप मुंहासो के लिए इलाज करे तो अपने डॉक्टर को PCOD होने की जानकारी अवश्य दे।

  वजन कम करना (Weight loss) : अगर आपका वजन बढ़ा हुआ है तो उसे कम करने का प्रयास करे। कई PCOD के मरीजों में केवल वजन कम करने से ही बेहद फायदा होते देखा गया है। 

 व्यायाम (Exercise) : व्यायाम करने से आपका वजन नियंत्रण में रहेगा और PCOD की वजह से होने वाली insulin resistant की समस्या भी कम हो जाएंगी। आप अपने उम्र और शरीर अनुसार चलना, दौड़ना, तैराकी या aerobic व्यायाम कर सकता है। 

  संतुलित आहार (Balanced Diet) : खाने में पिज़्ज़ा, बर्गर जैसे शरीर के लिए नुकसानकारी आहार लेने की जगह हरे पत्तेदार सब्जी और फल का समावेश करे। 

जीवनशैली (Lifestyle) : चिंता, शोक, भय, क्रोध इत्यादि तनाव बढ़ाने वाली चीजो से दूर रहे। योग और प्राणायाम करे। हमेशा सकारात्मक विचार रखे।

 शल्यक्रिया (Surgery) : जरुरत पड़ने पर PCOD के उपचार में शल्य क्रिया या operation भी किया जाता है जिसे Laproscopic Ovarian Drilling (LOD) या Laparoscopic Electrocauterisation of Ovarian Stroma (LEOS) कहा जाता है। इस Operation में Laser या Cautery से अंडाशय के cyst में छेद किया जाता है।  

PCOD से पीड़ित महिलाओ में मधुमेह, उच्चरक्तचाप और कर्करोग होने का खतरा रहता है। जल्द उपचार आदि कार्यवाही करने से PCOD के दीर्घकालीन जाखिमो से बचाव किया जा सकता है। 

Dr surbhi agrawal 
consultant physician and diabetologist 
 

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