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Last Updated: Oct 16, 2023
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नाक की एलर्जी का घरेलू उपचार - Naak Ki Allergy Ka Gharelu Upchaar!

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Dr. Sanjeev Kumar SinghAyurvedic Doctor • 15 Years Exp.BAMS
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आजकल कई तरह की एलर्जी देखने में आती हैं. इनमें से जो एलर्जी सबसे ज्यादा परेशानी पैदा करती हैं, वे आंख और नाक की एलर्जी हैं. जब किसी इंसान का ‘इम्यून सिस्टम’ यानी प्रतिरोधक तंत्र वातावरण में मौजूद लगभग नुकसानरहित पदार्थों के संपर्क में आता है तो एलर्जी संबंधी समस्या होती है. शहरी वातावरण में तो इस तरह की समस्याएं और भी ज्यादा हैं. नाक की एलर्जी से पीड़ित लोगों की नाक के पूरे रास्ते में अलर्जिक सूजन पाई जाती है. ऐसा धूल और पराग कणों जैसे एलर्जी पैदा करने वाली चीजों के संपर्क में आने की वजह से होता है. नाक की एलर्जी मुख्य तौर पर दो तरह की होती है. पहली मौसमी, जो साल में किसी खास वक्त के दौरान ही होती है और दूसरी बारहमासी, जो पूरे साल चलती है. दोनों तरह की एलर्जी के लक्षण एक जैसे होते हैं. आइए इस लेख के माध्यम से हम नाक की एलर्जी के कुछ घरेलू उपचारों के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त करें.

नाक की एलर्जी के प्रकार-
* मौसमी एलर्जी को आमतौर पर घास-फूस का बुखार भी कहा जाता है. साल में किसी खास समय के दौरान ही यह होता है. घास और शैवाल के पराग कण जो मौसमी होते हैं, इस तरह की एलर्जी की आम वजहें हैं.
* नाक की बारहमासी एलर्जी के लक्षण मौसम के साथ नहीं बदलते. इसकी वजह यह होती है कि जिन चीजों के प्रति आप अलर्जिक होते हैं, वे पूरे साल रहती हैं.

मौसमी एलर्जी से बचाव-
जिन चीजों से आपकी एलर्जी बढ़ जाती है, उन सभी को आप खत्म तो नहीं कर सकते, लेकिन कुछ कदम उठाकर आप इसके लक्षणों को नियंत्रित कर सकते हैं. साथ ही, एलर्जी पैदा करने वाले उन तत्वों से बचाव भी संभव है.
* बरसात के मौसम, बादलों वाले मौसम और हवा रहित दिनों में पराग कणों का स्तर कम होता है. गर्म, शुष्क और हवा वाला मौसम वायुजनित पराग कणों और एलर्जी के लक्षणों को बढ़ा सकता है. इसलिए ऐसे दिनों में बाहर कम आएं-जाएं और खिड़कियों को बंद करके रखें.
* अपने बगीचे या आंगन को सही तरीके से रखें. लॉन की घास को दो इंच से ज्यादा न बढ़ने दें. चमकदार और रंगीन फूल सबसे अच्छे होते हैं, क्योंकि वे ऐसे पराग कण पैदा करते हैं, जिनसे एलर्जी नहीं होती.

बारहमासी एलर्जी से बचाव-
पूरे साल के दौरान अगर आप एलर्जी से पीड़ित रहते हैं, तो इसका दोष आपके घर या ऑफिस को दिया जा सकता है. एलर्जी के लक्षणों को कम करने के लिए सबसे बढ़िया तरीका है कि आप अपने घर और ऑफिस को साफ-सुथरा रखें. इसके लिए हफ्ते में एक बार घर और ऑफिस की धूल झाड़ना अच्छा कदम है, लेकिन एलर्जी से पीड़ित लोगों के लिए यह काफी नहीं है. हो सकता है कि साफ सुथरी जगह होने के बावजूद वहां से एलर्जी पैदा करने वाले तत्व साफ न हुए हों. नाक की एलर्जी से पीड़ित लोगों के लिए घर को एक बेहतर जगह बनाने के लिए कुछ अतिरिक्त कदम उठाए जाने की जरूरत है.
* हर हफ्ते अपने बिस्तर को धोएं. इससे चादरों और तकियों के कवर पर आने वाले एलर्जी पैदा करने वाले तत्वों से छुटकारा मिलेगा. अच्छा तो यह होगा कि इन्हें गर्म पानी में धोया जाए और फिर इन्हें गर्म ड्रायर में सुखाया जाए.
* जब आप बाहर जाते हैं तो पराग कण आपके जूतों से चिपक जाते हैं. इसलिए बाहर से आने से पहले पैरों को पोंछ लें या जूतों को बाहर ही उतार दें.
* कालीन और गद्देदार फर्नीचर की साफ-सफाई पर खास ध्यान दें.
* ऐसे गद्दों और तकियों के कवर का इस्तेमाल करें जिन पर एलर्जी पैदा करने वाले तत्वों का असर न होता हो.
* अपने दरवाजे और खिड़कियां बंद रखें, खासकर उन दिनों में जब पराग कण ज्यादा होते हैं.

कुछ घरेलू नुस्खे-
जिन लोगों को सर्दी के रोग हैं और हर सुबह उन्हें अपनी नाक बंद मिलती है, उन्हें नीम, काली मिर्च, शहद और हल्दी का सेवन करना चाहिए. इससे उन्हें काफी फायदा होगा.
* सबसे अच्छा तरीका है बचाव. जिन वजहों से आपको एलर्जी के लक्षण बढ़ते हैं, उनसे आपको दूर रहना चाहिए.
* इसके लिए नीम की पत्तियों को पीसकर पेस्ट बना लें. इस पेस्ट से एक छोटी सी गोली बना लें, इसे शहद में डुबोएं और हर सुबह खाली पेट इसे निगल लें. अगले एक घंटे तक कुछ न खाएं, ताकि नीम का आपके शरीर पर असर हो सके. यह तरीका हर तरह की एलर्जी में फायदा पहुंचाता है, चाहे वह त्वचा की एलर्जी हो, भोजन की एलर्जी हो या किसी और चीज की.
* 10 से 12 काली मिर्च कूट लें. इन्हें दो चम्मच शहद में रात भर भिगोकर रखें. सुबह उठकर इसे खा लें और काली मिर्च को चबा लें. शहद में हल्दी मिला ली जाए तो वह भी अच्छा है. अगर आप सभी डेरी पदार्थों से बचकर रहते हैं तो अपने आप ही बलगम कम होता जाएगा.

जरूरी है सही तरीके से कपालभाति का अभ्यास-
एलर्जी की वजह से हो सकता है कि आपके द्वारा किए गए कार्यों की क्रिया बहुत ज्यादा प्रभावशाली न हो पा रही हो. जैसे - अगर नाक का रास्ता पूरी तरह नहीं खुला है और बलगम की ज्यादा मात्रा है तो क्रिया पूरी तरह से प्रभावशाली नहीं भी हो सकती है. अगर सही तरीके से इसका अभ्यास किया जाए, तो आपको अपने आप ही एलर्जी से छुटकारा मिल सकता है. नाक के रास्तों को साफ रखना और सही तरीके से सांस लेना एक बेहद महत्वपूर्ण प्रक्रिया है. साफ नासिका छिद्र और श्वसन के स्वस्थ तरीके का बड़ा महत्व है. अभ्यास करते रहने से एक ऐसा वक्त भी आएगा, जब कोई अतिरिक्त बलगम नहीं होगा और आपका नासिका छिद्र हमेशा साफ रहेगा.

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