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Last Updated: Apr 01, 2019
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Milk Peene Ka Sahi Samay - दूध पीने का सही समय

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Dr. Sanjeev Kumar SinghAyurvedic Doctor • 15 Years Exp.BAMS
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दूध में मैग्नीशियम भी दूध को रात में पीने का एक और कारण है। मैग्नीशियम की मदद से आपकी तंत्रिका और मांसपेशियां सामान्य रूप से कार्य करती हैं और यह दोनों ही ज़रूरी हैं

दूध को इसके अद्भुत गुणों के आधार पर हम सम्पूर्ण पुष्टिक आहार की संज्ञा देते हैं. दूध पिने की शुरुवात हमलोग बचपन से ही कर देते हैं. दूध में कई पोषक तत्व जैसे कि प्रोटीन, कैल्शियम, मैग्नीशियम, पोटेशियम, फास्फोरस, विटामिन बी 2, विटामिन बी 12 और विटामिन डी आदि से युक्त होता है. लेकिन हम यहाँ पर बात कर रहे हैं दूध पिने के समय की. दूध का ज्यादा लाभ लेने के लिए किस वक्त दूध का सेवन करना चाहिए, आइए इस प्रश्न का उत्तर तलाशने का प्रयास करें.
सुबह में दूध पिने से क्या होता है?
सुबह-सुबह दूध आधारित पेय पदार्थों के सेवन से पेट भारी हो सकता है. मलाईदार दूध का उपयोग करने से आपका नाश्ता पेट में भारीपन पैदा करता है. इसके अलावा यह काफी देर तक आपकी भूख शांत रखने में भी मदद नहीं करता है. यदि आप इसके बदले ऐसा नाश्ता करें जिसमें फाइबर ज़्यादा मात्रा में मौजूद हो जैसे जई का दलिया या जिसमें प्रोटीन ज़्यादा हो जैसे अंडा तो आपकी भूख काफी देर तक शांत रहती है. आयुर्वेद के अनुसार सुबह के समय आपका पेट भारी नहीं होना चाहिए. शरीर की सक्रियता को बनाए रखने के लिए ईंधन की आवश्यकता होती है. दूध के भारीपन से आपके पेट में दर्द या सीने में जलन हो सकती है. बेहतर यही है कि आप दिन के समय फल या पकी हुई सब्ज़ियाँ, या जई के दलिये में थोड़ा सा दूध मिलाकर पिएं. आवश्यकता के अनुसार नट्स वाला दूध भी पी सकते हैं.
दूध पिने के लिए कैसा है शाम का समय?
बुजुर्ग व्यक्ति शाम को एक गिलास दूध पिएं तो ये उनके स्वास्थ्य के लिए बेहद आवश्यक होता है. इसके अलावा दूध आपके गुर्दे में हुई पथरी को भी दूर करने में काफी मददगार होता है. कुछ हद तक शाम का समय अनुकूल है.
रात के समय का दूध पीने के फायदे
रात का समय दूध पिने के लिए बेहतर माना जाता है. क्योंकि दूध में पाया जाने वाला ट्रिपटोफन एक ऐसा एमिनो एसिड है जो आपकी नींद की गुणवत्ता में सुधार लाता है और आपको देर तक सोने में मदद करता है. इसका काम शरीर को सेरोटोनिन और मेलाटोनिन बनाने में महत्वपूर्ण होता है. ये शरीर के सोने और जागने के चक्र को नियंत्रित करते हैं. दूध में कैल्शियम भी शरीर में सेरोटोनिन का स्तर बढ़ाने में मदद करता है, जबकि मेलाटोनिन तनाव या किसी औऱ कारण से अनिद्रा या नींद विकार से लड़ने में मदद करता है. दूध में पाया जाने वाला मैग्नीशियम नामक तत्व हमारे शरीर की तंत्रिकाओं और मांसपेशियों को ठीक से कार्य करने में मदगार है. यही कारण है कि रात को सोते समय इसका इस्तेमाल करना ठीक रहेगा ताकि आप अच्छी नींद ले सकें. इसलिए रात को सोने से आधे घंटे पहले दूध पीना बहुत ही फायदेमंद है. यदि आप अपने दूध में हल्दी मिला लें, तो हल्दी के सूजन को कम करने और जीवाणुरोधी गुणों के कारण आपको और भी लाभ होगा. तो आप आसानी से सो पाएँगे क्योंकि हल्दी वाला दूध पीने से आपके शरीर में अगर कोई दर्द, सूजन है या आपके पूरा दिन काम करने की वजह से आपके सिर में दर्द है, तो आपको इन सब परेशानियों से भी मुक्ति मिलगी.
दूध पीने के नुकसान
अगर आप लैक्टोज असहिष्णुता से पीड़ित हैं तो आप जैसे ही दूध या किसी भी दूध के उत्पाद का एक कप पिएंगे, आपको पाचन की समस्याएं होंगी. इसके लक्षणों में पेट में गैस या पेट का फूलना, दस्त और पेट की सूजन शामिल हैं. आपको पेट में दर्द और मतली का अनुभव भी हो सकता है. यदि यह मामला है तो आपको लैक्टोज रहित विकल्प जैसे नट्स वाला दूध या चावल या सोया दूध की ज़रूरत पड़ सकती है. अगर दूध से एलर्जी है पर बहुत गंभीर नहीं है तो पित्ती, दाने, पेट खराब या उल्टी होने जैसे लक्षण हो सकते हैं. कुछ मामलों में खूनी दस्त भी हो सकता है. अगर बहुत ज़्यादा ही गंभीर एलर्जी है, तो वह एनाफाईलैक्सिस का रूप ले सकती है.

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