पवनमुक्तासन कैसे करें और इसे करने के लाभ?
आजकल की व्यस्त जीवनशैली और दिनचर्या के चलते शरीर का मोटापा बढ़ते जा रहा है| इसके पीछे कई कारण है जैसे शारारिक परिश्रम का अभाव, अनियमित खान पान आदि| इस कारणवश लोगो को कई बीमारिया हो रही है, जैसे की खाने का ठीक से नहीं पचना, कब्ज, पेट में गैस होना आदि| यह समस्या शहर के लोगो में ज्यादा देखी जा रही है, वैसे तो गाँव में भी लोग कब्ज, और गैस जैसी समस्याओ से पीड़ित है, लेकिन शहर में इसकी तादात ज्यादा है|
पवनमुक्तासन से इन समस्याओ से निजाद पायी जा सकती है| पवनमुक्तासन योग क्रिया के द्वारा शरीर से दूषित वायु को मुक्त किया जाता है। इसका अभ्यास करने से पेट और कमर की चर्बी कम होती है| इस आसान को करने से महिला और पुरुष दोनों ही पेट के रोगों से निज़ात पा सकते हैं|
आप शायद नहीं जानते होंगे लेकिन स्त्रियों के लिए गर्भाशय सम्बन्धी रोगो में भी पवनमुक्तासन काफी लाभदायक होता है। इस आसन को करने से मेरूदंड और कमर के निचले हिस्से में मौजूद तनाव दूर होता है। तो आइये जानते है, pawanmuktasana in hindi, इसे करने की विधि और इससे मिलने वाले लाभ|
- पवनमुक्तासन कैसे करें और इसे करने के लाभ
- पवनमुक्तासन करने के लिए भूमि पर चटाई बिछा कर पीठ के बल लेट जायें।
- अब अपने दोनों पैरों को मिलाकर रखें तथा अपने हाथों को शरीर के साथ सटाकर रखें एवं हथेलियों का रुख ज़मीन की ओर रखें|
- सर्व प्रथम अपने दाएँ पैर को घुटनों से मोड़ें और दायीं जाँघ को छाती की तरफ लेकर आएँ| दोनों हाथों की अंगुलियों को आपस में मिलाते हुए घुटने से थोड़ा नीचे से पकड़ लें|
- अब गहरी श्वास भरें और श्वास को छोड़ते हुए पैर को छाती की ओर लेकर आएँ, थोड़ा दबाव देकर रखें|
- श्वास को बाहर रोककर रखें और सिर को ज़मीन से उठाते हुए अपने माथे को दाएँ घुटने से छूने की कोशीस करे|
- अपने बाएँ पैर को सीधा एवं तानकर रखें| दोनों पैरों की अंगुलियों को भी बाहर की ओर खींचकर रखें|
इस स्तिथि में लगभग चार- पाँच सेकंड तक रहे| तत्पश्चात साँस लेते हुए सिर को धीरे-धीरे ज़मीन पर लेकर आएँ और साँस बाहर करते हुए हाथों और पैरों को सीधा कर लें और पहले की दशा में वापस आ जाएँ|
पवनमुक्तासन में बरती जाने वाली सावधानियाँ
ऊपर आपने जाना pawanmuktasana in hindi. पवनमुक्तासन बेहद फायदेमंद है| आप सभी इसे अपनाकर इससे फायदा पा सकते है| लेकिन जिन भी लोगो को कमर दर्द की शिकायत है, उन्हें यह आसान करने से बचना चाहिए| इसके अतिरिक्त घुटनो में तकलीफ वालो को भी यह आसान नहीं करना चाहिए|