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Last Updated: Oct 23, 2019
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Joint Pain Ayurvedic Treatment in Hindi - जोड़ों के दर्द आयुर्वेदिक उपचार

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Dr. Sanjeev Kumar SinghAyurvedic Doctor • 15 Years Exp.BAMS
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हमारे शरीर का ढांचा हड्डियों से निर्मित है. जाहिर है ये हड्डियाँ कई जगहों पर जुड़ी हुई हैं. इसकी वजह से ही हम जरुरत पड़ने पर अपने हाथ-पैर मोड़ सकते हैं. लेकिन इन जोड़ों में कई बार दर्द की समस्या उत्पन्न हो जाती है. जिससे लोगों को परेशानी होती है. इसे अर्थराइटिस भी कहा जाता है. जब भी आपको मोड़ने में परेशानी, जोड़ों का लाल होना, खिंचाव महसूस होना, जोड़ों पर कठोरता होना, चलने- फिरने में दिक्कत, अकड़न आना, सूजन और दर्द और कमजोरी हो तो समझिए आपको इसका उपचार कराना चाहिए. इसके लक्षणों में उम्र बढ़ना, हड्डियों में रक्त की आपूर्ति में रूकावट आना, रक्त का कैंसर, हड्डियों में मिनरल यानि की खनिज की कमी, जोड़ों पर बहुत ज्यादा दबाव पड़ना, इनफेक्शन होना, हड्डियों का टूटना, मोच आना या चोट लगना, हड्डियों में ट्यूमर आदि की शिकायत होना, अर्थराइटिस, बर्साइटिस, ऑस्टियोकोंड्राइटिस, कार्टिलेज का फटना या कार्टिलेज का घिस जाना आदि सम्मिलित है. आइए जोड़ों के दर्द का आयुर्वेदिक उपचार जानें.
1. मालिश: मालिश एक ऐसा घरेलु और आसानी से उपलब्ध उपचार है जिससे जोड़ों के दर्द में आपको प्रभावी राहत मिलती है. इससे शरीर के दर्द में बेहद आराम मिलता है, यही प्रक्रिया जोड़ों के दर्द में भी लागू होती है. इसके लिए आप नारियल, जैतून, सरसों या लहसुन के तेल से प्रभावित हिस्से की मालिश करें. हल्के हाथों से दबाव देते हुए दर्द वाले हिस्से को मलें.
2. गर्म और ठंडी सिकाई: जोड़ों के दर्द से राहत के लिए आप गर्म और ठंडी सिकाई भी कर सकते हैं. इससे भी बहुत आराम मिलता है. गर्म सिकाई करने से रक्त संचार बेहतर होता है वहीं ठंडी सिकाई से सूजन और चुभन कम होती है. गर्म सिकाई के लिए गर्म पानी की बोतल को तौलिया में लपेट कर गर्दन की सिकाई करें. जबकि, ठंडी सिकाई करने के लिए बर्फ के टुकड़ों को तौलिया में लपेटकर, उस तौलिया से सिकाई करें. सिकाई करते वक्त कम से कम दो से तीन मिनट तक गर्दन की लगातार सिकाई होनी चाहिए. यह पूरी प्रक्रिया 15 से 20 मिनट में दोहराएं.
3. लहसुन: कई औषधीय गुणों से भरपूर लहसुन का इस्तेमाल आप जोड़ों से दर्द में निजात पाने के लिए भी कर सकते हैं. इसमें लहसुन का इस्तेमाल बेहद अच्छे परिणाम दे सकता है. इसके औषधीय गुण गर्दन के दर्द, सूजन और जलन को ठीक करते हैं. इसके लिए लहसुन की दो कली हर सुबह खाली पेट पानी के साथ खाएं. खाना बनाने वाले किसी भी तेल में लहसुन की कुछ कलियां डाल कर भून लें. इस तेल को गुनगुना होने तक ठंडा करें और प्रभावित हिस्से की मालिश करें.
4. हल्दी: हल्दी का इस्तेमाल मसाला के अलावा कई घरेलु उपचारों में भी खूब किया जाता है. इसके इस्तेमाल जोड़ों के दर्द में भी उतनी ही प्रभावी है. हल्दी रक्त संचार तेज करके जोड़ों के दर्द से आराम देती है और गर्दन की अकड़न को भी कम करती है.
5. अदरक: अदरक ऐसे औषधीय गुणों से भरपूर है जो कि रक्त संचार को तेज करती है जिससे गर्दन के दर्द से राहत मिलती है. इसके लिए एक दिन में लगभग तीन कप अदरक की चाय पिएं. अदरक की चाय बनाने के लिए पानी में अदरक उबालें और ठंडा करके इसमें शहद मिलाएं. इस पेय को पिएं.
6. सेब साइडर सिरका: सेब का सिरका जोड़ों के दर्द और सूजन से राहत देता है. किसी कपड़े को सेब के सिरके में भिगोकर दर्द वाले स्थान पर लपेंटें और कुछ घंटों के लिए छोड़ दें. दिन में दो बार इस विधि को करें. दो कप सेब साइडर सिरका को गुनगुने पानी में डालकर नहाया भी जा सकता है.
7. लाल मिर्च पाउडर: लाल मिर्च पाउडर को जोड़ों के दर्द से में प्रभावी बनाने के लिए एक कप नारियल के तेल को गरम करके, उसमें दो बड़े चम्मच लाल मिर्च पाउडर मिलाएं. इस मिश्रण से प्रभावित हिस्से पर लगाकर तकरीबन 20 मिनट के लिए छोड़ दें. ज्यादा आराम के लिए इस मिश्रण को प्रतिदिन दर्द वाले हिस्से पर लगाएं.

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