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Last Updated: Aug 29, 2019
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महिलाएं कैसे पहचानें अपना ऑर्गेज्म

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Dr. B K KashyapSexologist • 24 Years Exp.BAMS
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Dr B K Kashyap

ऑर्गेज्म की स्थिति चरम संतुष्टि की स्थिति है। यह अपने आप पता लग जाती है। अकसर इसके बाद कुछ करने का मन नहीं करता। कुछ स्त्रियां आंख मींचकर निढाल भी रहती हैं। इस दौरान योनि में संकुचन हृदय धड़कन जैसा होने लगता है।
निरंतर ऑर्गेज्म पाते रहने से इस स्थिति पर पहुंचने का 20-30 सेकंड पहले पता लग जाता है। ऐसे में एकाग्रता बढ़ा लेना अच्‍छा रहता है। पुरुष भी अपनी देह पर पकड़ अनुभव करते हैं। ये स्थिति उनके लिए सफल सेक्स का बहुत बड़ा साइलेंट कम्युनिकेशन है।
ऑर्गेज्म अपने सुख के लिए भी है। शरीर के साथ ही यह मन को भी हल्का बनाता है। शरीर से निकले स्राव तन-मन में रासायनिक क्रिया उपजाते हैं। मन को फुर्तीला बनाते हैं। जीवन के प्रति विश्वास जगाते हैं। जीना रुचिकर लगता है, उसमें रस आता है।
कभी स्‍खलन न हो या चरमानंद न आए तो मन बेचैन, उद्विग्न, अकारण परेशान, चिंतातुर रहता है। इसे चरमानंद पाने वाले लोग आसानी से जान-समझ सकते हैं।
हर बार पहले जैसी अनुभूति
एक युवती कहती है कि पहला ऑर्गेज्म उसे समझ न आया। संकुचन हुआ तो लगा पता नहीं यह क्या हो गया। इसे जानने के बाद अगली बार यह स्थि‍ति न सिर्फ आनंददायक रही बल्कि तृप्तिदायक व संतुष्टिदायक भी रही।
एक युवक कहता है कि मेरी पत्नी ने एक रात मुझे बताया कि आज मुझे नाभि तक सरसराहट महसूस हो रही है। लग रहा है मेरे भीतर घंटियां बज रही हैं। मैं समझ गया, यह उसका पहला ऑर्गेज्म है।
स्त्रियों का चरमानंद पुरुषों के चरमानंद जैसा मुखर नहीं होता कि बिना बताए उसे कोई जान ले या भांप ले। इसीलिए कई बार उसमें बाधा होती है। कुछ स्त्रियों को चरमानंद से पूर्व जल्दी और ज्यादा घर्षण चाहिए। कुछ को पुरुष अंग और गहराई पर चाहिए तो किसी‍-किसी को सिर्फ कोराकोरा स्पर्श चाहिए।

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