Home Remedy For Sciatica Pain - साइटिका का घरेलू इलाज
साइटिका के मरीज अक्सर काफी परेशानी का अनुभव करते हैं. आपको बता दें कि कई बार इस परेशानी से तत्काल छुटकारा के लिए लोग स्टेरॉयड इंजेक्शन ले लेते हैं जो कि काफी नुकसानदेह है. इसलिए हम आपको यहाँ पर साइटिका को दूर करने के लिए कुछ घरेलू और प्राकृतिक इलाज बताने जा रहे हैं. इन उपायों के इस्तेमाल से आप अपना सूजन और साइटिक तंत्रिका के दबाव को कम कर सकते हैं.
1. मालिश
कई बीमारियों को दूर करने के लिए मालिश की सहायता लिया जाता रहा है. जाहीर है ये एक ऐसी चिकित्सकीय विधि है जो कई साइटिका जैसी दर्द देने वाली बीमारियों में भी काफी राहत देती है. इसके साथ ही मालिश से हमारे शरीर की कई अन्य समस्याएँ जैसे कि मांसपेशियों की ऐंठन इत्यादि को भी दूर करती है. आपको बता दें कि मालिश के अन्य लाभों में तनाव का कम होना, रक्त संचार की बेहतरी इत्यादि है. इसके लिए एक तेल है सेंट जॉन वोर्ट तेल जिसको आप शुरुवात में जहां दर्द है वहाँ हफ्ते में 2-3 दिन मालिश करें. लेकिन जब इतने से बात न बने तो इसका इस्तेमाल रोजाना भी किया जा सकता है. इस तेल में सूजन को दूर करने वाले गुण मौजूद होते हैं जिससे आपको साइटिका के दर्द और सूजन से निजात मिलती है. इसके अलावा आप मालिश के लिए जायफल का तीन चम्मच पाउडर एक कप तिल के तेल में मिलाकर इसको गर्म करें. जब ये मिश्रण ठंडा हो जाए तो इसे ठंडा करके दर्द वाले जगह पर मालिश करें. नियमित रूप से कुछ हफ्तों तक प्रत्येक दिन दर्द होने पर मालिश करते रहें.
2. हल्दी से
हल्दी की सहायता से भी आप साइटिका का उपचार कर सकते हैं. आपको बता दें कि हल्दी में सूजन को दूर करने का गुण मौजूद होता है. दरअसल हल्दी में कर्क्यूमिन नामक एक ऐसा यौगिक पाया जाता है जो तंत्रिका तंत्र के दर्द और सूजन को दूर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. इसके बेहतर इसस्तेमाल के लिए आप एक चम्मच हल्दी में एक कप दूध मिलाकर इसमें दालचीनी का का भी एक छोटा टुकड़ा डालें. अब इस मिश्रण को अच्छे से उबालकर ठंडा होने पर इसमें मिठापन लाने के लिए इसमें शहद मिलाकर इसे नियमित रूप से दिन में एक बार या दो बार प्रत्येक दिन तब तक लेते रहें जब तक कि आपको कोई लाभ न नजर आए.
3. एक्यूपंक्चर
एक्यूपंक्चर कई बीमारियों को बिना किसी दवाई के ठीक करने का अनोखा तरीका है. इसकी सहाता से आप साइटिका से होने वाले दर्द को भी प्रभावी रूप से दूर किया जा सकता है. एक्यूपंक्चर को अपनाने से हमारे शरीर की मांसपेशियों को रेस्ट तो मिलता ही है इसके साथ ही ये शरीर को साइटिका को दूर करने के लिए सक्षम भी बनाता है. आपको बता दें कि एक्यूपंक्चर, हमारे शरीर के कुछ बिंदुओं को उत्तेजित करने के साथ ही सेंट्रल नर्वस सिस्टम को भी उत्तेजित करता है. एक्यूपंक्चर के इस्तेमाल से हमारे शरीर में कई प्रकार के रसायनों का स्राव होने लगता है जो कि दर्द में कमी लाते हैं. साथ ही ये रसायन स्वस्थ होने की मानसिक भावना भी जागृत करते हैं.
4. कैप्सैसिन क्रीम
रोजाना इस्तेमाल होने वाली लाल मिर्च में मौजूद कैप्सैसिन नामक एक ऐसा सक्रिय संघटक है जो कि स्वभावतः दर्द को दूर करने वाले पदार्थ की तरह काम करता है. यही नहीं कैप्सैसिन पी नामक एक न्यूरोट्रांसमीटर का स्तर भी नीचे लाने में काफी मददगार है. आपको बताते चलें कि दर्द वाले स्थान पर इसे रोज चार बार, न्यूनतम एक सप्ताह तक नियमित रूप से लगाएँ.
नोट:- कैप्सैसिन क्रीम या मरहम ऐसा है कि ये शुरू-शुरू में जलन की वजह भी बन सकता है. इसलिए इसे कटी-फटी स्किन्स पर इस्तेमाल न करें.
5. मेथी के बीज
मेथी के बीज को भी सूजन दूर करने के गुणों से युक्त बताया जाता है. इसकी सहायता से बना प्रलेप साइटिका के दर्द को भी खत्म करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. मेथी के बीज का इस्तेमाल रूमेटीइड गठिया और गाउट पीड़ा जैसी बीमारियों में भी राहत के लिए किया जाता है. इसके लिए आपको एक मुट्ठी मेथी के बीज को पीसकर बारीक पेस्ट तैयार करके इसको पर्याप्त दूध मिलाकर गर्म करें. फिर इसे दर्द वाले स्थान पर जब तक राहत न मिले तब तक लगाते रहें.
6. इन बातों का भी रखें ध्यान
जितना हो सके अचानक हिलने-डुलने से बचें.
सोते या लेटते समय पीठ के निचले भाग पर बनने वाले दबाव को अच्छे पोस्चर बनाकर कम कर सकते हैं.
हमेशा बैठने के लिए पीठ को सीधी और घुटने को मोड़कर इसका सही इस्तेमाल करें.
सोने के लिए ऐसे गद्दे का इस्तेमाल करें जो कि बहुत सख्त बहुत नरम न हो.
रोजाना एक्सरसाइज़ करना भी आवश्यक है लेकिन ध्यान रहे ज्यादा न हो.
इस दौरान किसी भी तरह के धूम्रपान से आपको बचना चाहिए.