डिप्रेशन के कारण - Depression Ke Karan!
डिप्रेशन एक ऐसी बीमारी है जिसकी वजह से कई बार खतरनाक स्थिति पैदा हो जाती है. इसको हमलोग आम बोलचाल की भाषा में तनाव या चिंता भी कह कर पुकार सकते हैं. देखा जाए तो डिप्रेशन अपने आप में एक बिमारी तो है ही लेकिन साथ ही कई बीमारियों की जड़ भी है. इस बिमारी में हमें मुख्य रूप से दुःख, बुरा महसूस करना, रोजाना के कार्यों में रुचि या खुशी ना रखना आदि लक्षण दिखाई पड़ते हैं. जाहिर है इससे हम भी इन सभी बातों से भी लगभग परिचित ही होते हैं. यदि ये लक्षण थोड़े समय तक दिखाई दें तो ज्यादा परेशान होने की बात नहीं है लेकिन जब यही सारे लक्षण हमारे जीवन में अधिक समय तक रहते हैं तब ये हमें बहुत अधिक प्रभावित करते हैं. ये स्थिति बेहद तनाव से भरी होती है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के डिप्रेशन की परिभाषा के अनुसार दुनिया भर में डिप्रेशन सबसे सामान्य बीमारी है. आपको जानकर हैरानी होगी कि दुनिया भर में लगभग 350 मिलियन लोग डिप्रेशन या इससे संबन्धित अन्य बीमारियों से प्रभावित हैं. डिप्रेशन एक मानसिक स्वास्थ्य विकार है जो कि कुछ दिनों की समस्या न होकर के एक लम्बी बीमारी है. आइए इस लेख के माध्यम से डिप्रेशन के लक्षणों पर एक नजर डालें ताकि इस संबंध में जागरूकता फैल सके.
डिप्रेशन कोई सामान्य स्थिति नहीं है जिसका कोई ज्ञात कारण हो. डिप्रेशन में जाने की सम्भावना अलग-अलग व्यक्तियों में भिन्न होती है. इसलिए अपने डॉक्टर से डिप्रेशन के लक्षणों पर बात करना ज़रूरी है. तो चलिए जानते हैं, डिप्रेशन के कई संभावित लक्षणों के बारे में –
डिप्रेशन का कारण हो सकता है जेनेटिक-
डिप्रेशन जेनेटिक कारणों से भी हो सकता है. यदि आपके परिवार में कोई भी डिप्रेशन से पीड़ित रहा है तो आप भी डिप्रेशन का अनुभव कर सकते हैं. हालाँकि, अभी तक इसका पता नहीं लगाया गया है की डिप्रेशन में कौन सा जीन शामिल है.
डिप्रेशन का कारण हैं दिमाग में परिवर्तन-
कुछ लोगों में डिप्रेशन दिमाग में होने वाले परिवर्तन के कारण भी हो सकता है. हालांकि, अभी तक इसके बारे में कोई तथ्य नहीं है. डिप्रेशन दिमाग के कार्यप्रणाली में बदलाव के कारण होता है. इसलिए कुछ मनोचिकित्सक डिप्रेशन के मामलों में माइंड केमिकल साइंस की सहायता लेते हैं. मस्तिष्क में न्यूरोट्रांसमीटर, विशेष रूप से सेरोटोनिन, डोपामाइन या नोरेपेनेफ्रिन खुशी और आनंद की भावनाओं को प्रभावित करते हैं और डिप्रेशन की स्तिथि में ये असंतुलित हो सकते हैं. अभी तक इसके कारण का सही पता नहीं चला है. एन्टीडिप्रेंटेंट्स न्यूरोट्रांसमीटर को संतुलित करने का काम करता है. यह मुख्यतः सेरोटोनिन को संतुलित करता है. न्यूरोट्रांसमीटर संतुलन से बाहर क्यों निकल जाते हैं और यह डिप्रेशनग्रस्त में क्या भूमिका है इसका अभी तक पता नहीं चला है.
डिप्रेशन का कारण है हार्मोन परिवर्तन-
हार्मोन उत्पादन या हार्मोन के कामकाज भी डिप्रेशन के लिए जिम्मेदार हो सकते है. हार्मोन में परिवर्तन जैसे मेंसट्रूअल, लेबर, थायरॉयड समस्या या अन्य डिसऑर्डर के दौरान परिवर्तन भी डिप्रेशन का कारण बन सकते हैं. पोस्टपार्टम डिप्रेशन में बच्चे के जन्म के बाद माताओं में डिप्रेशन की समस्या हो जाती है. हालांकि हार्मोन्स में बदलाव के कारण संवेदनशील होना काफी सामान्य है, लेकिन पोस्टपार्टम डिप्रेशन एक गंभीर समस्या है.
मौसम में परिवर्तन है डिप्रेशन का कारण-
मौसम भी एक हद्द तक डिप्रेशन के लिए जिम्मेदार होते हैं. सर्दियों के दिन आते हैं ही दिन छोटे होने लगते हैं, जिससे बहुत से लोग सुस्ती, थकान और रोजाना के कार्यों में रूचि नहीं रख पाते हैं. इस समस्या को मौसम प्रभावित विकार (SAD) के नाम से भी जाना जाता है. यह स्थिति आमतौर पर सर्दियां जाते ही ठीक हो जाती है जब दिन बड़े हो जाते हैं. इसके इलाज के लिए आप डॉक्टर से दवा या सलाह ले सकते हैं.
जीवन में बड़ा परिवर्तन है डिप्रेशन का कारण-
यदि आपके जीवन में कोई बड़ी घटना या कोई ट्रॉमा या जीवन में अत्यधिक संघर्ष भी डिप्रेशन जैसी समस्या का कारण बन सकती है. उदहारण के रूप में जैसे अपने किसी करीबी को को खो देना, जॉब में समस्या या निकाल दिया जाना, धन की हानि होना या कोई और बड़े परिवर्तन लोगों में डिप्रेशन की समस्या को पैदा करते हैं. पोस्ट-ट्रोमैटिक तनाव विकार (PTSD) डिप्रेशन का एक रूप है जो जीवन में किस गंभीर परिस्थिति से गुजरने के बाद होता है. अक्सर युद्ध से लौटने वाले सैनिकों में PTSD की समस्या होती है. यह कई घटनाओं के कारण भी हो सकता है जैसे बचपन में ट्रामा के कारण, किसी डरावनी घटना के कारन, दुर्व्यवहार या हमले के कारण, गंभीर कार दुर्घटना या अन्य दुर्घटना के कारण, किसी ने धमकी दी हो उसके कारण आदि.