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Last Updated: Oct 23, 2019
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Ayurvedic Treatment Of Allergy - एलर्जी का आयुर्वेदिक उपचार

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Dr. Sanjeev Kumar SinghAyurvedic Doctor • 15 Years Exp.BAMS
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एलर्जी एक ऐसी समस्या है जो कभी भी किसी को भी हो सकती है. लेकिन इसके साथ मजेदार बात ये है कि आज आपको जिस चीज से एलर्जी नहीं है जरुरी नहीं की कल भी हो. इसे इस तरह से भी कह सकते हैं कि एलर्जी किसी भी तरह से हो सकती है. इसके सामान्य लक्षण हैं - बहती हुई नाक, गले में खराश, कफ, आंखों में खुजली और स्किन रैशेज. जो लोग मौसम के अनुसार एलर्जी से परेशान रहते हैं वो अपना बचाव ये समस्या शुरू होने से पहले कर सकते हैं. आइए एलर्जी से निपटने के लिए कुछ घरेलु उपचार जानें.
भाप से फायदा
भाप एलर्जी के कई लक्षणों से राहत दिलाने में मदद करता है. ये इरिटेटेड साइनस से राहत दिलाता है साथ ही नाक की नली से भी बलगम और अन्य इरिटैंट को भी साफ़ करता है. इसके लिए पानी को भाप निकलने तक उबालें. अब इस पानी को किसी बड़े बर्तन में कर लें. फिर उसमें तीन से चार बूँद नीलगिरी तेल, पेपरमिंट तेल, रोज़मेरी या टी ट्री तेल की डालें. अब अपने सिर पर तौलिये को रखें और बर्तन के पास ध्यान से झुक जाएँ. फिर दस मिनट तक गर्म पानी से भाप लें.
नींबू
नींबू एक प्राकृतिक एंटीहिस्टामिन है और विटामिन सी का एक एक अच्छा स्त्रोत भी है. इसमें एंटीऑक्सीडेंट के गुण भी होते हैं. ये एन्टिटॉक्सिन की तरह भी काम करता है. नींबू एलर्जी की समस्या के लिए बेहद फायदेमंद है. मौसम के अनुसार एलर्जी शुरू होने से पहले रोज़ाना सुबह रोज़ एक कप पानी में ताज़ा नींबू का जूस निचोड़कर पीना शुरू कर दें. जब तक एलर्जी सीजन चला नहीं जाता तब तक रोज़ाना इस मिश्रण को पीते रहें.
नमक का पानी
रोज़ाना नाक को सलाइन से साफ़ करने से राइनाइटिस एलर्जी के लक्षणों को सुधारने में मदद मिलती है. सबसे पहले एक चम्मच बिना आयोडीन युक्त नमक लें और चुटकीभर बेकिंग सोडा लें और फिर इन्हे एक चौथाई गर्म पानी में मिला दें. फिर मिश्रण को ठंडा होने के लिए रख दें. अब सिंक की तरफ झुके और अपनी एक नाम में इस मिश्रण की दस बूँदें डालें. फिर इस मिश्रण को या तो नाक से निकाल लें या मुँह से निकालें.
गर्म पानी
एलर्जी के स्त्रोत से छुटकारा पाने के लिए गर्म पानी से नहाएं और बाहर से आने के बाद अपने बालों को अच्छे से धो लें. इसके साथ ही गर्म पानी से नहाने से आपको साइनस को खोलने में भी मदद मिलती है जिससे आप आसानी से सांस ले पाते हैं. गर्म पानी आपको राहत देता है और सोने में भी मदद करता है. तो ये है ड्रग फ्री तरीके जो आपकी एलर्जी का इलाज करने में मदद करेंगे. हालाँकि अगर लक्षण ज़्यादा बढ़ने लगे तो अपने डॉक्टर को ज़रूर दिखाएं.
बिच्छू बूटी
बिच्छू बूटी मौसम के अनुसार होने वाली क्रोनिक एलर्जी के लिए बेहद प्रभावी है. प्राकृतिक एंटी हिस्टामिन होने की वजह से बिच्छू बूटी शरीर के हिस्टामिन के उत्पादन को बंद कर देती है और फिर आखिर में कई एलर्जी के लक्षणों से आराम दिलाने में मदद करती है. सबसे पहले एक कप पानी में एक चम्मच सूखे बिच्छू बूटी की पत्तियों को डाल दें. पांच मिनट तक इस मिश्रण को उबलने के लिए रख दें. फिर इस मिश्रण को छान लें और अब इसमें थोड़ा शहद मिलाकर पी जाएँ. इस चाय को पूरे दिन में दो या तीन बार ज़रूर पियें.
पेपरमिंट
पेपरमिंट में सूजनरोधी, एंटीऑक्सीडेंट और एंटीबैक्टेरियल गुण होते हैं जो एलर्जी रिएक्शन को कम करते हैं. पेपरमिंट चाय बनाने के लिए, सबसे पहले एक चम्मच सूखे पेपरमिंट की पत्तियों को एक कप पानी में पांच के लिए उबालने को रख दें. फिर इस मिश्रण को छान लें और ठंडा होने के लिए रख दें. अब इसे पीने से पहले इसमें एक चम्मच शहद भी मिला लें. जब तक आपको लक्षणों से निजात नहीं मिल जाता तब तक पूरे दिन में दो या तीन बार पेपरमिंट चाय का मज़ा लें.
शहद
ज़्यादातर लोगों ने ये कहा है कि लोकल शहद खाने से उन्हें एलर्जी सीजन के लक्षणों से राहत मिलती है. मधुमक्खियों द्वारा बनने वाला लोकल हनी एलर्जी को दूर करने में मदद करता है. एलर्जी सीजन के लक्षणों से राहत पाने के लिए पूरे दिन में तीन या चार बार एक या इससे ज़्यादा चम्मच शहद ज़रूर खाएं. अच्छा परिणाम पाने के लिए एलर्जी सीजन शुरू होने से एक महीना पहला आप ये लोकल शहद खाना शुरू कर दें.
सेब का सिरका
सेब का सिरका एलर्जी के लिए बहुत ही पुराना उपाय है. इसके एंटीबायोटिक और एंटीहिस्टामिन गुण एलर्जी रिएक्शन का इलाज करने में मदद करते हैं. ये एलर्जी के कारणों का इलाज करता है और जल्दी जल्दी आने वाली छीकों, बंद नाक, खुजली, सिर दर्द और कफ के लक्षणों को भी ठीक करता है. एक चम्मच सेब के सिरके को एक ग्लास पानी में मिलाएं. फिर इसमें एक चम्मच ताज़ा नींबू का जूस और एक या आधा चम्मच शहद मिलाकर पी जाएँ.
हल्दी
हल्दी में करक्यूमिन होता है जो डीकन्जेस्टैंट की तरह काम करता है एलर्जी के लक्षणों को दूर करने में मदद करता है. इसके साथ ही हल्दी में प्रभावी एंटीऑक्सीडेंट और सूजनरोधी गुण होते हैं जो इसका इलाज जड़ से करते हैं. एक साफ़ कांच के जार में छः चम्मच हल्दी पाउडर और शहद डालें. अच्छे से इस मिश्रण को फिर चला लें. एलर्जी सीजन के दौरान पूरे दिन में दो बार इस मिश्रण को एक एक चम्मच ज़रूर खाएं.
लहसुन
लहसुन में प्राकृतिक एंटीबायोटिक होते हैं जो एलर्जी के लिए काफी प्रभावी है. लहसुन के एंटीवाइरल और प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले गुण डॉक्टर से आपको दूर रखते हैं. एक या दो हफ्ते के लिए रोज़ाना दो या तीन लहसुन की फांकें खाएं. अगर आपको लहसुन की गंध अच्छी नहीं लगती तो आप डॉक्टर से पूछने के बाद लहसुन के सप्लीमेंट्स को ले सकते हैं.

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