वानस्पतिक नाम सेन्टेला असिएटिका वाले गोटू कोला के फायदों का हम प्राचीन काल से ही उपयोग कर रहे हैं. भारत के आयुर्वेद चिकित्सा में प्राचीन काल से ही कई बूटियों का उपयोग चिकित्सकीय प्रयोजनों में किया जाता है. इसे आयुर्वेद में ब्राह्मी जैसा ही इसका भी गुण बताया गया है. मस्तिष्क पर इसका बहुत सकारात्मक प्रभाव देखा गया है. आइए गोटू कोला के फायदे और नुकसान को समझें.
1. एकाग्रता बढ़ाता है
कई बार ज्यादा चिंता या तनाव की स्थिति के चलते हमारे ध्यान या सतर्कता में कमी आ जाती है. आयुर्वेद के अनुसार इस तरह की परेशानी को भी गोटू कोला के जरिए दूर किया जा सकता है. इसके लिए आपको एक दिन में दो बार 2 ग्राम गोटू कोला पाउडर दूध के साथ लेना होगा.
2. फूली हुई नसों के उपचार में
फूली हुई नसों को ठीक करने में भी गोटू कोला काफी मददगार होता है. गोटू कोला, का सेवन करने से रक्त परिसंचरण में सुधार आता है. और ये फूली हुई नसों को विश्राम भी देता है. जिससे कि नसें पुनः अपने वास्तविक अवस्था में आ जाती हैं.
3. मानसिक उलझन ख़त्म करने में
मानसिक उलझन के कई कारण हैं जैसे ज्यादा चिंता करना, बेहोशी, गहरी सोच, थकान आदि. इन स्थितियों के कारण भ्रम या उलझन जैसी स्थित उत्पन्न हो जाती है. गोटू कोला आपके इस मानसिक स्थिति को सुधारने का काम करती है. गोटू कोला मस्तिष्क की कोशिकाओं को पुनर्जीवित करने के साथ-साथ मस्तिष्क में रक्त की आपूर्ति में सुधार करता है. इससे दिमाग में ऑक्सीजन का संचार होता है और उलझन ख़त्म हो जाती है.
4. तनाव कम करने में
तनाव की स्थिति में व्यक्ति के अंदर कई परिवर्तन जैसे चिड़चिड़ापन उत्तेजना, बेचैनी, निराशा, आत्मघाती विचार और आक्रामक व्यवहार होने लगते हैं. ऐसा मस्तिष्क में पित्त उत्तेजना के कारण होता है. ऐसे में आप गोटू कोला के साथ मुक्ता पिष्टी और जटामांसी का प्रयोग करें तो बेहतर परिणाम आता है.
5. बच्चों के लिए
गोटू कोला में पाए जाने वाले तमाम उपयोगी पदार्थों में एक ऐसा यौगिक भी पाया जाता है जो बच्चों के लिए बहुत लाभदायक साबित होता है. इससे बच्चों में ध्यान और सोच समझकर प्रतिक्रिया देने में ऊनकी मदद करता है.
6. नींद के लिए
नींद न आने की बीमारी भी अब बदली हुई जीवन शैली के कारण आम होती जा रही है. गोटू कोला मानसिक ऊर्जा को फिर से स्थापित करके को शिकाओं को पुनर्जीवित करता है. इससे आपकी अनिद्रा दूर होती है. इसके लिए आप 3 ग्राम गोटू कोला पाउडर सोने से पहले एक कप दूध के साथ एक हफ्ते तक लें.
7. मेमोरी लॉस में
मस्तिष्क की कोशिकाओं और एंटी-एमनेशाइक कार्यों पर सुरक्षात्मक प्रभाव पड़ने से मेमोरी लॉस की स्थिति उत्पन्न होती है. गोटू कोला हमारे मस्तिष्क में ऑक्सीडेटिव तनाव तो कम करता ही है साथ में मेमोरी लॉस को भी दूर करता है.
8. फटी एड़ियों के उपचार में
एक भाग गोटू कोला पाउडर के साथ सात भाग मोम या पेट्रोलियम जेली के मिश्रण से बना क्रीम दिन में दो बार फटी एड़ियों पर लगाने से राहत मिलती है. ऐसा आपको 2 से 4 हफ्ते तक करते रहना चाहिए. इसके बाद आपकी एड़ियाँ सामान्य होने लगेंगी.
9. मानसिक थकान मिटाने में
मानसिक थकान की स्थिति में आदमी थोड़ा चिड़चिड़ा हो जाता है. इससे हमारी कार्यक्षमता प्रभावित होती है. ऐसा हमारे मस्तिष्क में न्यूरोट्रांसमीटर के रूप में काम करने वाले डोपामाइन नामक हार्मोन की कमी के कारण होता है. गोटू कोला डोपामाइन के उत्पादन को नियमित करके आपके मानसिक थकान को दूर करता है.
10. घावों को जल्दी भरने में
गोटू कोला के पत्तियों का पाउडर बनाकर त्वचा के घाव पर लगायें. इसके लगाने से घाव वाले क्षेत्र में रक्तसंचार में सुधार होता है. मधुमेह के मरीजों के लिए ये ज्यादा असरदार है. इसे अल्सर वाले घाव या मामूली जली हुई त्वचा पर भी लगाया जा सकता है.
11. बौद्धिक क्षमता को बढ़ाने में
गोटू कोला का 3 ग्राम पीसकर गाय के ताजा दूध में मिलाकर पेस्ट तैयार किया जाता है. इस पेस्ट को सुबह खाली पेट गर्म दूध के साथ लेना होता है. इसके बाद नाश्ता न करके सीधे दोपहर के भोजन में हल्का शाकाहारी भोजन लें. ऐसा लगातार 12 दिन करने पर आपकी बौद्धिक क्षमता में सुधार आता है.
क्या हैं गोटू कोला के नुकसान