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बवासीर - प्रकार, लक्षण, कारण, इलाज और परहेज | Piles In Hindi

आखिरी अपडेट: Feb 27, 2024

बवासीर क्या है? । Bawasir kya hai

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बवासीर (Piles) को आमतौर पर पाइल्स के रूप में जाना जाता है। यह पुरानी कब्ज़ और टाईट दस्त के कारण होता है। जब गुदा व मलाशय के नीचे के क्षेत्र में मौजूद नसों में सूजन और जलन होती है़ तब यह बवासीर या पाइल्स का रूप ले लेता है। बवासीर होने के कई कारण हैं।

सामान्यतः बवासीर के कारणों को जानना संभव नहीं होता है। पाइल्स होने का एक कारण मल त्याग करते समय अधिक जोर लगाना भी है। यही कारण है कि गर्भावस्था के दौरान गुदा की नसों पर दबाव पड़ने के कारण तनाव हो जाता है। यह महिलाओं में बवासीर का कारण बनता है। बवासीर मलाशय के अंदर या गुदा के पास की त्वचा के नीचे हो सकता है।

चार में से हर तीसरा वयस्क आज इस परेशान से जूझ रहा है। आमतौर पर बवासीर किसी भी प्रकार के अन्य दुष्प्रभावों के लिए जिम्मेदार नहीं है, लेकिन सही समय पर इलाज नहीं करने पर इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं। बवासीर दर्दनाक हो सकता है। हालांकि इसका डॉक्टरी इलाज संभव है। इसके अलावा घरेलू उपचार और जीवन शैली में बदलाव के जरिए इसे ठीक किया जा सकता है।

बवासीर के प्रकार । Bawasir ke prakar in hindi

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आंतरिक बवासीर

यह आमतौर पर मलाशय के अंदर पाया जाता है। यह गुदा की काफी गहराई में होता है इस वजह से कुछ मामलों में यह दिखाई नहीं देते। हालांकि आंतरिक बवासीर कोई गंभीर स्थिति पैदा नहीं करते और समय के साथ ठीक हो जाते हैं।

बाहरी बवासीर

यह मलाशय के ऊपर ठीक उसी जगह पर होता है जहां से मल बाहर निकलता है। अधिकांश मामलों में यह दिखाई नहीं देता जबकि कुछ मामलों में यह मलाशय की सतह पर गांठ की तरह दिखता है।

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प्रोलेप्सड बवासीर

यह आंतरिक बवासीर में सूजन आने की स्थिति के कारण होता है। आंतरिक बवासीर में सूजन के कारण यह मलाशय से बाहर आ जाता है। इसमें बवासीर एक सूजन ग्रस्त गांठ की तरह या गुदा से बाहर की तरफ निकली हुई गांठ की तरह दिखाई देता है।

खूनी बवासीर

यह बवासीर की सबसे आखिरी स्टेज होती है। इसमें खून के थक्के बनने लगते हैं। ये खून के थक्के आंतरिक और बाहरी दोनों तरह के बवासीर में बन सकते हैं। इससे पीड़ित को काफी दर्द होता है।

बवासीर कैसा दिखता है? । Bawasir kaisa dikhta hai

एक्सटर्नल और इंटरनल बवासीर दोनों ही एक फुंसी की तरह दिखते हैं। इन्हें छूकर महसूस किया जा सकता है। बवासीर आमतौर पर नीले रंग और रबड़ की तरह संरचना होती है। इसके कारण सूजी हुई नसों के अंदर ब्लड क्लॉट्स बनते हैं।

ग्रेड 4 हेमोराइड क्या है? । Grade 4 Hemorrhoids kya hai

ग्रेड 4 हेमोराइड बवासीर की एक गंभीर स्थिति है। यह गुदा के बाहर फैलता है और मैन्युअली इसे वापस अंदर नहीं ढकेला जा सकता है। ग्रेड 4 बवासीर के लिए तत्काल इलाज की आवश्यकता होती है। ये बवासीर प्रोलेप्सेड और स्थायी होते हैं। हालांकि नॉन-सर्जिकल इलाज के जरिए इसकी स्थिति में सुधार कर सकते हैं। आमतौर पर ग्रेड 4 हेमोराइड के लिए सर्जरी की सलाह दी जाती है।

बवासीर के लक्षण क्या हैं? । Bawasir ke lakshan in hindi

जब कोई व्यक्ति बवासीर से पीड़ित होता है तो उसे निम्नलिखित लक्षणों और संकेतों का अनुभव हो सकता है। बवासीर के लक्षण हेमोराइड के प्रकार पर निर्भर करते हैं।

एक्सटर्नल बवासीर के लक्षण:

  • ब्लीडिंग हो सकती है।
  • गुदा के आसपास सूजन हो सकती है।
  • इससे दर्द और असुविधा हो सकती है।
  • गुदा में खुजली और जलन महसूस हो सकती है।

इंटरनल बवासीर के लक्षण:

  • यह मलाशय (रेक्टम) में मौजूद होती है।
  • उन्हें देखा या महसूस नहीं किया जा सकता है।
  • पीड़ित व्यक्ति को मल त्यागने में ब्लीडिंग हो सकती है।
  • इस स्थिति में पीड़ित को दर्द महसूस नहीं होता।

थ्रोम्बोस्ड बवासीर के लक्षण:

  • गुदा में सूजन होना।
  • गुदा के पास एक गांठ का होना।
  • गुदा में गंभीर दर्द होना।

बवासीर के कारण क्या हैं? । Bawasir ke karan in hindi

  • गर्भावस्था: गर्भवती महिलाओं में बवासीर होने का अधिक खतरा रहता है। दरअसल प्रेगनेंसी के दौरान गर्भाशय फैलता है। इसके कारण कोलन में वेइन पर दबाव पड़ने से यह सूज जाता है, जो बवासीर का कारण बनता है।
  • बुढ़ापा: बढ़ती हुई उम्र के कारण बवासीर हो सकता है। यह 45 से 65 वर्ष के आयु वर्ग के लोगों में अधिक देखा जाता है। दरअसल बुढ़ापे में बवासीर से रक्षा करने वाले टिश्यू खत्म हो जाते हैं। इसके कारण बवासीर उभरने लगता है।
  • दस्त: बार-बार और लगातार दस्त की शिकायत होने पर बवासीर हो सकता है।
  • पुरानी कब्ज: पुरानी कब्ज के मरीजों को मल त्यागने में अधिक जोर लगाना पड़ता है। इससे नसों में दबाव पड़ने के कारण बवासीर हो सकता है।
  • बैठने का जोखिम: लंबे समय तक एक ही स्थिति में बैठे रहने से बवासीर की शिकायत हो सकती है। इस समस्या को विशेष रूप से ड्राइविंग, सिलाई और आईटी पेशे वाले लोगों के साथ देखा जाता है।
  • अधिक वजन उठाना: अधिक वजन उठाते समय सांस रोकने से गुदा पर दबाव बढ़ता है। लंबे समय तक ऐसा करने से गुदा की नसों में सूजन होने लगती है जिससे बवासीर की संभावना बढ़ जाती है।
  • गुदा मैथुन (एनल सेक्स): एनल सेक्स एक नए प्रकार के बवासीर को पैदा कर सकता है। इससे पुराना बवासीर अधिक मात्रा में फैल सकता है।
  • मोटापा: पेट बढ़ने के कारण गुदा की मांसपेशियों में दबाव बढ़ता है। इससे बवासीर होने की संभावना बढ़ जाती है।
  • जेनेटिक कारणों से: कुछ व्यक्तियों में जेनेटिकली बवासीर की समस्या होती है। आनुवंशिकता के कारण ऐसे लोगों की गुदा की नसें कमजोर होती हैं।

बवासीर के इलाज में कितने प्रकार के टेस्ट होते हैं? । Bawasir ke test in Hindi

एक्सटर्नल बवासीर को ठीक करने के लिए डॉक्टर आपके बट-सेंट्रिक ट्रेंच और मलाशय (रेक्टम) का टेस्ट करते हैं। इसे निम्न प्रकार की जांच के माध्यम से ठीक किया जा सकता है।

  • कम्प्यूटराइज्ड एग्जामिनेशन: कम्प्यूटर की मदद से रेक्टल एग्जामिनेशन के दौरान डॉक्टर मलाशय (रेक्टम) में एक दस्तानेयुक्त, नमीयुक्त उंगली को एम्बेड करते हैं और असामान्य गांठ का पता लगाते हैं। यह प्रक्रिया आंतरिक बवासीर की जांच के लिए की जाती है। आंतरिक बवासीर को आमतौर पर महसूस नहीं किया जा सकता। इस स्थिति में अगर मरीज को अधिक दर्द और ब्लीडिंग होती है तो डॉक्टर रेक्टम जांच को रोक देते हैं।
  • विसुअल रिव्यू: कई बार रेक्टल एग्जामिनेशन के दौरान इंटरनल बवासीर का पता लगाना मुश्किल होता है। इसके बेहतर परिणाम के लिए डॉक्टर रेक्टम और कोलन के अंतिम भाग को प्रोक्टोस्कोप और एनोस्कोप से देखते हैं। अगर डॉक्टर को लगता है की मलाशय से खून आने का कारण बवासीर के अलावा कुछ और हो सकता है तो वह एनोस्कोपी (Anoscopy) करते हैं। अगर खून पेट की बाकी जगहों से बहता है तो सिग्मोइडोस्कोपी (Sigmoidoscopy) या कोलोनोस्कोपी की जाती है।

बवासीर का इलाज कैसे होता है? । Bawasir ka ilaj in Hindi

नॉन-सर्जिकल तरीके:

  • नियमित व्यायाम करें।
  • उचित आहार लें।
  • मल सॉफ्टनर का उपयोग करें।
  • गर्म सिट्ज बाथ लें।
  • क्रीम, ऑइंटमेंट और सपोसिटरी का उपयोग करें।

सर्जिकल तरीके:

  • बवासीर वाली जगह को काटने के लिए स्केलपेल का उपयोग करना।
  • लगातार दबाव के साथ बवासीर को धीरे से पुश करना।
  • एक छोटे से चीरे से बवासीर को हटाना।

बवासीर के इलाज के लिए दवाएं । Bawasir ke liye medicine in Hindi

  • डॉक्टर बटलर: जलन, खुजली, ब्लीडिंग को कम करने में मदद करता है।
  • थेना नेचुरल वेलनेस: यह सिट्ज बाथ के लिए उपयोग की जाती है।
  • हेम कंट्रोल कैप्सूल: इसे क्रीम, ऑइंटमेंट या अन्य उपचारों के विकल्प के रूप में उपयोग किया जाता है।
  • ट्रोनोलेन हेमोराइड क्रीम: यह सूजन, खुजली और दर्द को ठीक व कम करने के लिए एस्ट्रिंजेंट के रूप में काम करती है।
  • मदरलव ऑर्गेनिक रॉयड बाम: विशेष रूप से यह गर्भवती महिलाओं के लिए एक ऑइंटमेंट है।
  • डोनट टेलबोन कुशन: यह कुशन विशेष रूप से बवासीर से पीड़ित लोगों के लिए बनाया गया है।

क्या बवासीर अपने आप ठीक हो सकता है? । kya bawasir apne aap theek ho sakta hai

छोटे बवासीर आमतौर पर थोड़े समय के साथ अपने आप ठीक हो जाते हैं। जबकि बड़े और गंभीर बवासीर को ठीक होने में समय लग सकता है। इससे पीड़ित लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। हालांकि आहार में कुछ बदलाव करके और घरेलू उपचार की मदद से बवासीर अपने आप ठीक हो सकता है। अगर लक्षण गंभीर हैं तो इसे डॉक्टरी इलाज के जरिए ठीक किया जा सकता है।

बवासीर कैसा दिखता है? । Bawasir kaisa dikhta hai

थ्रोम्बोस्ड हेमोराइड, गुदा से बाहर निकलने वाले गहरे नीले रंग की गांठ जैसा दिखता है। ब्लड वेसल्स में सूजन के कारण इसके अंदर ब्लड क्लॉट्स बनने लगते हैं और बवासीर दिखाई देता है। नॉन-थ्रोम्बोस्ड बवासीर, छोटे रबरयुक्त गांठ की तरह दिखते हैं। यह आम तौर पर एक से अधिक होते हैं और एक साथ दिखाई देते हैं।

क्या मानसिक तनाव से बवासीर हो सकता है? । Kya stress se bawasir ho sakta hai

बवासीर के कारणों के बारे में हम ऊपर पढ़ चुके हैं। इनके अलावा कभी-कभी यह हमारे अधिक तनाव लेने के कारण भी हो सकता है। तनाव के कारण स्फिंक्टर की मांसपेशियां टाइट हो जाती हैं जिससे रेक्टम पर दबाव पड़ता है। रेक्टम पर पड़ने वाले इस दबाव के कारण बवासीर की शिकायत हो सकती है।

क्या बवासीर फट सकती है?

थ्रोम्बस्ड बवासीर खून से भर जाने पर फट सकती है। फटने से पहले उनमें काफी दर्द होता है। यह एक प्रकार से इसके फटने से पहले का संकेत होता है। बवासीर के फटने के बाद आमतौर पर कुछ समय के लिए ब्लीडिंग होती है।

क्या बवासीर की सर्जरी उपयोगी है?

सर्जरी, बवासीर के दर्द का स्थायी समाधान है। इसमें दर्द कम होता है और गैर सर्जरी ट्रीटमेंट की तुलना में कम कठिनाइयां होती हैं। सामान्य तौर पर जब बवासीर का दर्द बढ़ जाता है और ब्लीडिंग होने लगती है तो सर्जरी की जरूरत पड़ती है। सर्जरी बवासीर के इलाज का एक सुरक्षित और प्रभावी उपाय है। वर्तमान समय में हर चार में से तीसरे वयस्क में बवासीर की समस्या देखने को मिलती है।

क्या एक्सटर्नल बवासीर को बिना सर्जरी के हटाया जा सकता है?

बाहरी बवासीर को ठीक करने के लिए डॉक्टर रबर बैंडेज का उपयोग करते हैं। बवासीर के कारण होने वाली ब्लीडिंग को रोकने के लिए एक्सटर्नल बवासीर के बेस के चारों ओर डॉक्टर एक रबर बैंडेज लगा देते हैं। यह रबर बैंडेज बवासीर को सुखाकर एक या दो सप्ताह में ठीक कर देती है। इसमें डॉक्टर को किसी भी प्रकार की सर्जरी की जरूरत नहीं पड़ती।

बवासीर में किन चीजों से परहेज करना चाहिए । Bawasir me kya nahi khana chahiye

  • प्रोसेस्ड मीट: बवासीर के मरीजों को प्रोसेस्ड मीट खाने से बचना चाहिए। यह पाचनतंत्र को प्रभावित करता है। जिससे मल त्यागने में परेशानी हो सकती है।
  • पॉलिश वाले चावल: पॉलिश किए हुए चावल पूरी तरह से सफेद होते हैं। इनमें फाइबर और पोषण नहीं होता। चावल को पॉलिश करके उसमें स्टार्च भर दिया जाता है। इसके कारण वे पूरी तरह से कार्बोहाइड्रेट से भरे होते हैं। इन चावल को खाने से कब्ज की समस्या हो सकती है।
  • डीप-फ्राइड खाना: बवासीर के मरीजों को डीप-फ्राइड खाद्य पदार्थों को खाने से बचना चाहिए। इनमें पोषक तत्वों की कमी होती है और लीवर के लिए हानिकारक होते हैं।
  • डेयरी उत्पाद: बवासीर के मरीजों को दूध से बने उत्पादों का सेवन नहीं करना चाहिए। यह कब्ज का कारण बन सकते हैं।
  • कैफीनयुक्त भोजन: बवासीर की समस्या से पीड़ित व्यक्ति को चाय, कॉफी और कोला जैसे पेय पदार्थों से दूरी बनाना चाहिए।

बवासीर के इलाज के लिए के घरेलू उपाय । Bawasir ka gharelu ilaj in Hindi

  • विच हेजल: विच हेजल को बवासीर पर लगाने से न केवल खुजली कम होती है बल्कि दर्द भी कम होता है। यह एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर होता है। इससे सूजन में कमी आ सकती है।
  • एलोवेरा: एलोवेरा में असाधारण एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो बवासीर के कारण होने वाली जलन को कम करने में मदद करता है।
  • ओवर द काउंटर ऑइंटमेंट: बवासीर के लक्षणों से तत्काल राहत पाने के लिए काउंटर ऑइंटमेंट का उपयोग कर सकते हैं।
  • सूथिंग वाइप्स: यदि बवासीर से पीड़ित व्यक्ति सामान्य टॉयलेट पेपर का उपयोग करता है तो यह स्थिति को बिगाड़ सकता है। इसलिए बवासीर के पेशेंट को जलन कम करने के लिए वाइप्स का इस्तेमाल करना चाहिए।
  • कोल्ड कंप्रेस: ​​बड़े और दर्दनाक बवासीर के लिए आइस पैक लगाने से आराम मिलता है। इसके लिए बर्फ को एक तौलिए या कपड़े में लपेटकर लगाना चाहिए।
  • गर्म स्नान: बवासीर से पीड़ित व्यक्ति को गर्म स्नान करना चाहिए। यह बवासीर की जलन को शांत करने में मदद करता है।
  • अंजीर: सुबह खाली पेट अंजीर का पानी पीने से बवासीर में आराम मिलता है। इसके लिए तीन अंजीर को पानी में भिगोकर रख दें और सुबह खाली पेट इसका सेवन करें।
  • नींबू: नींबू के रस में अदरक और शहद मिलाकर इसका सेवन करने से पाइल्स में फायदा पहुंचता है।
  • जीरा: बादी बवासीर में दर्द और जलन होने पर जीरे के दानों को पानी डालकर पीसकर लेप बना लें। इसे मस्सों वाली जगह पर लगाने से पाइल्स में आराम मिलता है। खूनी बवासीर में आराम के लिए जीरे को भूनकर मिश्री के साथ पीस लें। इसे दिन में 2-3 बार छांछ के साथ लेने से खूनी बवासीर में आराम मिलता है।
  • पपीता: पपीता हमारे पाचनतंत्र को ठीक रखता है। रात के भोजन में पपीता खाएं। इससे कब्ज नहीं होगी और मल त्यागते समय होने वाली पीड़ा से छुटकारा मिलेगा।
  • बादाम का तेल: बादाम के तेल को रूई में लेकर बवासीर के छालों पर लगाने से जलन व सूजन में राहत मिलती है।
  • वैसलीन: वैसलीन की थोड़ी सी मात्रा गुदा पर लगाने से मल त्यागने में होने वाले दर्द को कम किया जा सकता है। वैसलीन, तनाव और ब्लीडिंग को कम करके मल को आसानी से पास करती है। यह केवल छोटे बवासीर के खिलाफ प्रभावी है।
  • वॉकिंग: सैर करना, बवासीर के लिए अच्छा माना जाता है। इससे रक्त प्रवाह बढ़ता है और शरीर में पोषक तत्व और ऑक्सीजन एब्जॉर्व होती है। यह बवासीर के लिए सबसे सुरक्षित और सबसे प्रभावी उपायों में से एक है।

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लेखकDr. C.S. Ramachandran DNB (General Surgery),FICS,MBBS,MS - General Surgery,FCCP (USA)General Surgery
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