दिल्ली में रीढ़ की हड्डी का ऑपरेशन की लागत
दिल्ली में रीढ़ की हड्डी का ऑपरेशन के बेस्ट डॉक्टर
दिल्ली में स्पाइन सर्जरी की लागत कितनी है?
स्पाइन सर्जरी को हिंदी में रीढ़ की हड्डी का ऑपरेशन कहा जाता है। इस ऑपरेशन की आवश्यकता मुख्य रूप से रीढ़ की हड्डी की जटिल समस्याओं से निजात पाने के लिए किया जा सकता है। हालांकि कुछ मामलों में रीढ़ की हड्डी का ऑपरेशन अन्य जटिलताओं का कारण साबित होता है।
दिल्ली में स्पाइन सर्जरी की न्यूनतम लागत ₹1,40,000 है। जबकि इसकी अधिकतम लागत ₹3,70,000 है। अगर इस सर्जरी की औसतन लागत की बात करें तो वह ₹2,50,000 है।
दिल्ली में ऐसे कई अस्पताल हैं जहां रीढ़ की हड्डी का ऑपरेशन कराया जा सकता है। हालांकि किसी भी अस्पताल में स्पाइन सर्जरी यानी कि रीढ़ की हड्डी का ऑपरेशन कराने से पहले उनकी लागत पता कर लेना आवश्यक होता है।
दरअसल, सभी अस्पतालों में स्पाइन सर्जरी की लागत अलग अलग हो सकती है। लागत में मिलने वाली इस भिन्नता के लिए कई प्रकार के कारक जिम्मेदार हो सकते हैं, जिसमें अस्पताल जे शुल्क से लेकर सर्जरी की फीस तक जिम्मेदार हो सकती है।
अगर आप हमारे माध्यम से सर्जरी कराते हैं तो आप सर्जरी की लागत को बहुत हद तक कम कर सकते हैं। दरअसल, हमारे द्वारा आपको कई ऐसी सुविधाएं दी जाती हैं, जो आपके लिए काफी हितकारी हैं, हमारे द्वारा दी जाने वाली कुछ सुविधाएं निम्नलिखित हैं-
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- सर्जरी की कुल लागत को बिना किसी अतिरिक्त भार के आसान किश्तों में अदा करने की सुविधा भी उपलब्ध है।
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दिल्ली में विभिन्न प्रकार के स्पाइन सर्जरी की लागत
ट्रीटमेंट के प्रकार | औसत कीमत | न्यूनतम कीमत | अधिकतम कीमत |
---|---|---|---|
स्पाइनल फ्यूज़न | ₹375,000 | ₹250,000 | ₹500,000 |
वेर्टेब्रोप्लास्टी | ₹265,000 | ₹230,000 | ₹300,000 |
काइफ्लोप्लास्टी | ₹265,000 | ₹230,000 | ₹300,000 |
स्पाइनल लैमिनेक्टॉमी | ₹160,000 | ₹140,000 | ₹180,000 |
फोरैमिनोटॉमी | ₹215,000 | ₹180,000 | ₹250,000 |
आर्टिफिशियल डिस्क रिप्लेसमेंट | ₹375,000 | ₹250,000 | ₹500,000 |
डिस्केक्टॉमी (या माइक्रोडिसेक्टोमी) | ₹160,000 | ₹140,000 | ₹180,000 |
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
दिल्ली में स्पाइन सर्जरी से पहले होने वाली जांचों की लागत
दिल्ली में स्पाइन सर्जरी से पहले डॉक्टर या सर्जन कई तरह की जांच कराने की सलाह दे सकता है। इन जांचों के रीढ़ की हड्डी की गंभीरता और अन्य स्वास्थ्य संबधी जानकारियां हासिल करता है। साथ ही वह यह भी पता करने की कोशिश करता है कि कहीं रीढ़ की हड्डी में पैदा हुई समस्या के लिए कोई अन्य बीमारी तो जिम्मेदार नहीं है।
केवल इतना ही नहीं, इन जांचों के माध्यम से सर्जन यह भी पता लगाने की कोशिश करता है कि क्या मरीज का शरीर ऑपरेशन के लिए तैयार है या ऑपरेशन के दौरान या बाद में उसे किसी जोखिम का सामना का करना पड़ सकता है।
सर्जन द्वारा सुझाए गए इन जांचों की लागत विभिन्न डायग्नोस्टिक सेंटर्स में अलग अलग हो सकती है। तो चलिए जानते हैं कि ये जांचें कौन-कौन सी हैं और इनकी लागत कितनी हो सकती है।
- एमआरआई: ₹1000 - ₹3500
- एक्स-रे: ₹800 - ₹2000
- सीटी-स्कैन: ₹1000 - ₹2500
मरीज के हिसाब से स्पाइन सर्जरी की लागत में अंतर क्यों होता है?
मरीज के हिसाब से स्पाइन सर्जनी (रीढ़ की हड्डी का ऑपरेशन) की लागत में अंतर आने के लिए कई तरह के करक जिम्मेदार हो सकते हैं। ये कारक निम्नलिखित हैं-
- मरीज की उम्र: मरीज की उम्र रीढ़ की हड्डी के ऑपरेशन के खर्च को प्रभावित कर सकता है। दरअसल, बढ़ती उम्र के साथ मरीज के शरीर में कई अन्य बीमारियां भी हो सकती हैं। जिनकी वजह से उनके उपचार में ज्यादा समय लग सकता है और उन्हें ज्यादा दिनों तक अस्पताल में भर्ती रहना पड़ सकता है। इन कारणों की वजह से सर्जरी की लागत में इजाफा हो सकता है।
- बीमारी की गंभीरता: बीमारी की गंभीरता भी सर्जरी की लागत पर असर डाल सकती है। दरअसल, इन्ही गंभीरता के आधार पर डॉक्टर उपचार की विधि और सर्जरी की तकनीक का चयन करता है और सभी तकनीकों की लागत में अंतर भी हो सकता है, जिसकी वजह से सर्जरी की लागत प्रभावित हो सकती है।
- अन्य बीमारियां: कई बार रोगी के शरीर में कोई ऐसी बीमारी भी होती है जिसकी वजह से सर्जरी के दौरान या बाद में उसे किसी बड़े जोखिम का सामना करना पड़ सकता है। ऐसी स्थिति में सर्जन को उस अन्य बीमारी का उपचार भी करना पड़ सकता है, जिसकी वजह से सर्जरी की लागत प्रभावित हो सकती है।
दिल्ली में स्पाइन सर्जरी की लागत पर कौन सी चीजें प्रभाव डालती हैं?
दिल्ली में स्पाइन सर्जरी की लागत पर विभिन्न कारक प्रभाव डाल सकते हैं, जिनमें से कुछ निम्नलिखित हैं-
- सर्जरी का प्रकार: की गई सर्जरी के प्रकार के आधार पर रीढ़ की सर्जरी की लागत अलग-अलग हो सकती है। मिनिमली इनवेसिव सर्जरी ओपन सर्जरी की तुलना में कम खर्चीली होती है।
- भौगोलिक स्थिति: भौगोलिक स्थिति के आधार पर स्पाइन सर्जरी की लागत अलग-अलग हो सकती है। महानगरीय क्षेत्रों में की जाने वाली सर्जरी ग्रामीण क्षेत्रों की तुलना में अधिक महंगी होती हैं।
- स्थिति की गंभीरता: इलाज की स्थिति की गंभीरता के आधार पर स्पाइन सर्जरी की लागत अलग-अलग हो सकती है। अधिक गंभीर स्थितियों में अधिक व्यापक सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है, जो अधिक महंगी हो सकती है।
- प्रक्रिया की जटिलता: रीढ़ की सर्जरी की लागत प्रक्रिया की जटिलता के आधार पर भिन्न हो सकती है। जटिल प्रक्रियाओं के लिए अधिक विशिष्ट उपकरण या लंबे सर्जिकल समय की आवश्यकता हो सकती है, जिससे लागत बढ़ सकती है।
- सर्जन का अनुभव और विशेषज्ञता: सर्जन के अनुभव और विशेषज्ञता के आधार पर स्पाइन सर्जरी की लागत अलग-अलग हो सकती है। अधिक अनुभव और विशेषज्ञता वाले सर्जन अधिक शुल्क लेते हैं।
- रोगी का समग्र स्वास्थ्य और चिकित्सा इतिहास: रीढ़ की सर्जरी की लागत रोगी के समग्र स्वास्थ्य और चिकित्सा इतिहास के आधार पर भिन्न हो सकती है। अंतर्निहित स्वास्थ्य समस्याओं वाले मरीजों को अतिरिक्त चिकित्सा ध्यान या संसाधनों की आवश्यकता हो सकती है, जो सर्जरी की कुल लागत को बढ़ा सकते हैं।
- अस्पताल में रहने की अवधि: अस्पताल में रहने की अवधि रीढ़ की सर्जरी की लागत को प्रभावित कर सकती है। लंबे समय तक रहने के परिणामस्वरूप आमतौर पर उच्च लागत आएगी।
- अनुवर्ती देखभाल और पुनर्वास: सर्जरी के बाद अनुवर्ती देखभाल और पुनर्वास की लागत रीढ़ की सर्जरी की कुल लागत में जोड़ सकती है।
- इमेजिंग और डायग्नोस्टिक टेस्ट: इमेजिंग और डायग्नोस्टिक टेस्ट, जैसे एमआरआई या सीटी स्कैन, सर्जरी से पहले या बाद में आवश्यक हो सकते हैं। ये परीक्षण सर्जरी की समग्र लागत में जोड़ सकते हैं।
दिल्ली में स्पाइन सर्जरी के विभिन्न घटकों की लागत कितनी है?
दिल्ली में स्पाइन सर्जरी के लिए कई अलग-अलग प्रकार के तकनीकों का प्रयोग किया जाता हैं। यह तकनीक रोगी की व्यक्तिगत स्थिति और लक्षणों पर निर्भर करती है। इन तकनीकों की लागत भी अलग अलग हो सकती है। चलिए जानते हैं कि ये तकनीक कौन-कौन सी हैं और इनकी लागत कितनी हो सकती हैं-
- डिस्केक्टॉमी: एक डिस्केक्टॉमी उस क्षतिग्रस्त या हर्नियेटेड डिस्क के हिस्से या सभी को हटाने के लिए की जाती है जिसकी वजह से रीढ़ की हड्डी पर दबाव पड़ रहा होता है। इस सर्जरी की लागत औसत लागत रुपये 1,40,000 से रु1,80,000 हो सकती है।
- स्पाइनल फ्यूजन: स्पाइनल फ्यूजन में अधिक स्थिर स्पाइनल कॉलम बनाने के लिए दो या दो से अधिक कशेरुकाओं को एक साथ जोड़ा जाता है। यह प्रक्रिया आमतौर पर स्पाइनल फ्रैक्चर या अपक्षयी डिस्क रोग के इलाज के लिए उपयोग की जाती है। इस तकनीक की लागत 1,40,000 रुपये से 1,80,000 रुपये तक हो सकती है।
- लैमिनेक्टॉमी: एक लैमिनेक्टॉमी में रीढ़ की हड्डी और नसों पर दबाव को दूर करने के लिए कशेरुका के बोनी आर्क, या लैमिना के एक हिस्से को हटाने के लिए किया जाता है। इस तकनीक की लागत लगभग 2,70,000 रुपये तक हो सकती है।
- फोरैमिनोटॉमी: एक फोरैमिनोटॉमी में उस हड्डी या ऊतक को हटाया जाता है जो रीढ़ की हड्डी की जड़ों को संकुचित कर रहा होता है क्योंकि वे छोटे उद्घाटन के माध्यम से रीढ़ की हड्डी से बाहर निकलते हैं जिन्हें फोरैमिना कहा जाता है। इसकी लागत 2,80,000 तक हो सकती है।
- वर्टेब्रोप्लास्टी और काइफोप्लास्टी: ये न्यूनतम इनवेसिव प्रक्रियाएं हैं जिनका उपयोग वर्टेब्रल संपीड़न फ्रैक्चर के इलाज के लिए किया जाता है। वे रीढ़ को स्थिर करने के लिए खंडित कशेरुकाओं में हड्डी के सीमेंट को इंजेक्ट करते हैं। इस विधि की लागत लगभग 3,20,000 रुपये हो सकती है।
- कृत्रिम डिस्क प्रतिस्थापन: यह एक नए प्रकार की स्पाइन सर्जरी है जिसमें क्षतिग्रस्त या हर्नियेटेड डिस्क को कृत्रिम डिस्क से बदल दिया जाता है। इसकी लागत 3,70,000 रुपये तक हो सकती है।
- रीढ़ की हड्डी उत्तेजना: यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें पुरानी दर्द को प्रबंधित करने में मदद के लिए रीढ़ की हड्डी में एक विद्युत उपकरण लगाया जाता है। इस तकनीक की लागत भी 3,70,000 रुपये तक हो सकती है।
क्या दिल्ली में स्पाइन सर्जरी के लिए बीमा कवर मिलता है?
हां, भारत में स्पाइन सर्जरी के लिए बीमा कवर मिलता हैं। कई स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी पॉलिसी के नियमों और शर्तों के आधार पर रीढ़ की सर्जरी की लागत को आंशिक या पूर्ण रूप से कवर करती हैं। हालांकि इन नियमों और शर्तों की जानकारी हासिल करने के लिए अपने बीमा प्रदाता से संपर्क करना जरूरी है।
सारांश
स्पाइन सर्जरी की लागत कई कारकों के आधार पर व्यापक रूप से भिन्न हो सकती है, जिसमें सर्जरी का प्रकार और जटिलता, रोगी की आयु और स्वास्थ्य की स्थिति, स्थिति की गंभीरता, भौगोलिक स्थिति आदि शामिल हैं। इसके अलावा इस सर्जरी की तकनीकों के प्रकार के आधार पर भी सर्जरी की लागत प्रभावित हो सकती है।